डोईवाला में दिलचस्प हुआ चुनावी मुकाबला। दिल्ली वाले दल वर्सेज उत्तराखंड क्रांति दल मैदान में

डोईवाला में दिलचस्प हुआ चुनावी मुकाबला। दिल्ली वाले दल वर्सेज उत्तराखंड क्रांति दल मैदान में

देहरादून। उक्रांद के वरिष्ठ नेता एवं डोईवाला से प्रत्याशी शिव प्रसाद सेमवाल के चुनाव मैदान में आने से इस सीट पर दिल्ली वाले दल वर्सेज उत्तराखंड क्रांति दल होने से मुकाबला बड़ा दिलचस्प हो गया है।

इस सीट पर वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विधायक हैं, किंतु उनके चुनाव मैदान से पीछे हटने के बाद अब यहां नए समीकरण बनते हुए दिखाई दे रहे हैं, इससे चुनाव में मतदाता भी बड़ी दिलचस्पी लेते नजर आ रहे हैं।

बताते चलें कि, शिव प्रसाद सेमवाल पर्वतजन मीडिया हाउस के संपादक रहे हैं। उन्होंने जिस तरीके से जनमुद्दों को उठाकर पत्रकारिता में एक अलग पहचान बनाई है, उसी अंदाज में वे राजनैतिक पारी खेलते हुए भी नजर आ रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ वर्ष से वे डोईवाला विधानसभा की समस्याएं लगातार उठाते आ रहे हैं।

शिव प्रसाद सेमवाल बताते हैं कि, ऐसा कोई दिन नहीं होगा, जब हमारी टीम आठ-दस मुद्दों को न उठाती हों। हमने पूरे कोरोनाकाल में भी क्षेत्रवासियों की समस्याएं देखी और जरूरमंदों की मदद करने का प्रयास किया।

सेमवाल बताते हैं कि, डोईवाला में इस बार का चुनाव दिल्ली वाले दल वर्सेज उत्तराखंड क्रांति दल है। उत्तराखंड क्रांति दल ने डोईवाला में पिछले एक वर्ष में जितने संघर्ष किए हैं, हम लोग जनता के जितने मुद्दों में साथ रहे हैं, इसके सापेक्ष अगर दिल्ली वाले दलों के प्रत्याशियों के पिछले बीस साल का कार्यकाल उठाकर देख लीजिए, वे कहीं भी नहीं टिकते।

यही एक बड़ा कारण है कि, डोईवाला की जनता का आशीर्वाद इस बार उत्तराखंड क्रांति दल के साथ है और डोईवाला में इस बार उत्तराखंड क्रांति दल को क्लीन स्वीप मिल रही है।

शिव प्रसाद सेमवाल कहते हैं कि, चुनाव लड़ने का मजा तब होता, जब दिग्गज नेता जो बीस-बीस वर्षों से राजनीति करते हुए जनता को छलने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ जब हम खड़े होते और जनता उनके कार्यों की तुलना हमारे कार्यों से करती तो जनता ज्यादा बेहतर ढंग से तय करती।

बताते चलें कि, डोईवाला सीट पर इस बार कांग्रेस के गौरव चौधरी प्रत्याशी हैं, जबकि भाजपा के बृज भूषण गैरोला चुनाव मैदान में हैं। गैरोला पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के करीबी हैं।

बहरहाल, डोईवाला का रण सज चुका है। अब देखना यह होगा कि, जनता की कसौटी पर कौन सा प्रत्याशी खरा उतरने में कामयाब रहता है!