गजब: रक्षा बंधन के दिन भी धरने पर डटे रहे डायट डीएलएड प्रशिक्षित। चलाया पोस्टर अभियान

रक्षा बंधन के दिन भी धरने पर डटे रहे डायट डीएलएड प्रशिक्षित। चलाया पोस्टर अभियान

देहरादून। रोजगार के बिना कोई त्यौहार कैसा, त्यौहार के बिना खुशियां कैसी? इसी नारे के साथ आज रक्षा बंधन के दिन भी शिक्षा निदेशालय में डायट डीएलएड प्रशिक्षित धरने पर डटे रहे। बता दें कि, डायट डीएलएड संघ की शिक्षा निदेशालय में विगत 16 दिनों से अधिक दिन रात धरनारत है, पर सरकार मजबूरी का जामा पहनकर अपनी जिम्मेदारियों से बचती फिर रही है।

ऊधम सिंह नगर में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से आई डायट की महिला प्रशिक्षित सिमर का कहना है कि, गत वर्ष
शिक्षामंत्री को राखी बांधकर उनसे अपनी खुशियों स्वरूप नियुक्ति की मांग की थी, और शिक्षा मंत्री ने आशीर्वाद स्वरूप आश्वासन दिया था कि, जल्द ही आपकी नियुक्ति आपको दी जाएगी।

परन्तु एक वर्ष बीत जाने पर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसलिए आज रक्षाबंधन के दिवस पर पोस्टर अभियान चलाकर जन-जन तक अपनी बात पहुंचानी है। डायट संघ द्वारा आज पोस्टर अभियान परेड ग्राउंड, विधानसभा, बलवीर रोड पर किया गया।

पोस्टर अभियान के माध्यम से सरकार व विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर तंज किया गया है। जहां निदेशालय में नियुक्ति प्रक्रिया कछुआ चाल से गतिमान है, वहीं इसी चाल पर चोट करते हुए आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने वीडियो के माध्यम से डायट डीएलएड संघ के संघर्ष की कहानी को बताते हुए बोला कि, 2 वर्ष की कमांडो ट्रेनिंग कराने के बाद शिक्षित बेरोजगारो को अपने हाल पर छोड़ देना सरकार के निकम्मेपन को दर्शाता है।

सरकार की प्राथमिकता में रोजगार सबसे पहले होना चाहिए, परन्तु 5 वर्ष पूर्ण होने को है, फिर भी सरकार इन शिक्षित बेरोजगारों की कोई सुध नहीं ले रही है।

ज्ञात हो डायट प्रशिक्षित वर्ष 2017 में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से 70,000 अभ्यर्थियों में से 650 प्रशिक्षुओं का चयन किया गया था। दिसम्बर 2019 में 2 वर्ष का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद डायट प्रशिक्षु लगातार शासन-प्रशासन के झूठे आश्वासनों की मार झेल रहे हैं।

लगातार मंत्रियों व अधिकारियों से अपनी नियुक्ति की गुहार लगाने व धरना करने के बाद वर्ष 2020 में नियुक्ति फॉर्म निकले, परंतु फॉर्म निकलने के बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कोविड आपदा और बेरोजगारी की मार झेल रहे प्रशिक्षितों ने परेशान होकर फिर से निदेशालय में धरना शुरू किया।

महिला प्रशिक्षित गुंजन ने अपना दुख जताते हुए सरकार से गुहार लगाई कि, रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर अगर हम घर नहीं जा रहे, तो आप सोच सकते हैं कि, ये नौकरी हमारे लिए कितनी जरूरी है। हम यहां विगत 16 दिनों से दिन-रात धरना स्थल पर डटे हुए है और हमारी केवल एक मांग और एक आस है कि, सरकार हमें जल्दी से जल्दी नियुक्ति प्रदान करें और जिस दिन हमारी नियुक्ति होगी वही दिन हमारे लिए सबसे बड़ा त्यौहार होगा।

प्रदेश सचिव हिमांशु जोशी ने सरकार को रोजगार के वायदों को याद दिलाते हुए कहा कि, हमारे हौंसले पस्त नहीं हुए और ना ही हो सकते है। यदि विभाग आगामी 24 अगस्त तक अपने वादे पर अमल नहीं करता तो इसी धरनाक्रम में आगामी 26 अगस्त को पुनः पूरे संख्याबल के साथ जोर-शोर से रैली की जाएगी। हमारी एक ही मांग है और उसे पूर्ण कराने में हर सम्भव कार्य किया जाएगा।

पोस्टर अभियान बलवीर रोड, परेड ग्राउंड, करनपुर, विधानसभा रुट के वाहनों में वाहन स्वामियों से अनुमति के माध्यम से आदि स्थानों में टेम्पो, रिक्शा, कोचिंग में लगाकर की गई। जिसमें डायट महिला साथियों गुंजन, सिमर, नीति, अरमीना, पूजा आदि के साथ समस्त संघ में धर्मेंद्र, अमित, दीपक, पंकज, गौरव, देवेश जोशी सहित अन्य साथियों ने प्रतिभाग किया।