सावधान: उत्तराखंड के इन जिलों में रहेगी बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट वालों की नो एंट्री

उत्तराखंड के इन जिलों में रहेगी बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट वालों की नो एंट्री

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। अगर आप पौड़ी जिले के पर्यटक स्थलों की ओर घूमने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की हो सकती है। पौड़ी जिले के लैंसडाउन, खिर्सू, चरेक समेत अन्य स्थानों पर रिसॉर्ट बने हुए हैं। जहां बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आवाजाही अधिक रहती है। आज पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार कोतवाली पुलिस ने यूपी से सटे कौड़िया बैरियर पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है।

कौड़िया बैरियर पर आज पर्यटकों की काफी भीड़ रही। इस दौरान बाहरी राज्य से आ रहे हैं, पर्यटकों की कौड़िया बैरियर से पहले काफी लंबी कतार लगी रही। लेकिन बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के किसी भी पर्यटक को जिले में प्रवेश नहीं दिया गया और उन्हें वापिस कर दिया गया।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि, शनिवार होने की वजह से बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की भीड़ अधिक है। लेकिन किसी भी पर्यटक को आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना नहीं भेजा जा रहा है। जिस पर्यटक के पास आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट होगी, वही पर्यटक जिले में प्रवेश कर पाएगा। इस दौरान पर्यटकों के वाहनों की लगी भीड़ को काबू करने में अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।

नैनिताल में भी होगी आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य

वहीं नैनीताल में भी चौपहिया और दोपहिया से आने वाले पर्यटको के लिए तीन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। पहला तो स्मार्ट सिटी देहरादून पोर्टल में पंजीकरण, दूसरा 72 घंटे के भीतर आरटीपीसीआर, आरएटी और ट्रू नैट टैस्ट की नैगेटिव रिपोर्ट और तीसरा नैनीताल के पार्किंग वाले होटल की बुकिंग की रसीद।

इसके अलावा बाहरी शहरों से आने वाले मोटर साइकिल सवारों की मोटर साइकिल खड़ी करवाकर उन्हें शटल सेवा से नैनीताल जाने दिया गया।

नैनीताल के प्रवेश मार्गों में आज शनिवार सवेरे से ही पुलिस के जवान और अधिकारी तैनात थे। कालाढूंगी, काठगोदाम और भवाली मार्ग से केवल चौपहिया वाहनों को आने की अनुमति दी जा रही थी। इसमें, राज्य सरकार के नियमों का पालन करने वाले लोगों को नैनीताल में प्रवेश की अनुमति दी गई।

कई मोटर साइकिल सवार नारायण नगर में रोके जाने के बाद मायूस होकर पैदल ही 5 किलोमीटर दूर नैनीताल के लिए पैदल चल दिये। कई मोटर साइकिल और कार सवार तो नाराज होकर बिना नैनीताल के दर्शन किये ही वापस लौट गए। जिलाधिकारी धीरज गर्भयाल ने भी निजी वाहन से चैक पोस्टों का दौरा कर हालातों का जायज़ा लिया।

जिलाधिकारी के पिछले दिनों एक आदेश के बाद शनिवार और रविवार को दोपहिया वाहन के नैनीताल में प्रवेश पर रोक लग गई थी। जिलाधिकारी के ही 9 जुलाई के दूसरे आदेशों के बाद पर्यटको के नैनीताल प्रवेश के लिए स्मार्ट सिटी देहरादून पोर्टल में पंजीकरण, 72 घंटे के भीतर आरटीपीसीआर, आरएटी और ट्रू नैट टैस्ट की नैगेटिव रिपोर्ट और नैनीताल के पार्किंग वाले होटल की बुकिंग की रसीद दिखानी अनिवार्य हो गई थी।

उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों पर सीजन के दौरान शनिवार रविवार को लॉक डाउन हटाने के बाद नैनीताल व आसपास भीड़ बड़ गई थी। उच्च न्यायालय में कोविड संक्रमण रोकने को लेकर जनहित याचिका में न्यायालय ने सरकार से अपने निर्णय पर पुनःविचार करने को कहा था। अब सरकार के निर्देशों पर प्रशासन सैलानियों की अनियंत्रित आवक पर ब्रेक लगाने के लिए नए नियम लगा रहा है। इस नियम के बाद कई लोगों को नैनीताल दर्शन किये बगैर ही लौटना पड़ा था।

पुलिस प्रशासन ने वाहनों को रोककर सवारियों को 50 रुपये प्रति टिकट पर शटल सेवा से नैनीताल पहुंचवाया।