पहल: आब नहीं होगी शव को श्मशान घाट ले जाने में दिक्कत। हरिद्वार में शुरू हुई निःशुल्क वाहन सेवा

आब नहीं होगी शव को श्मशान घाट ले जाने में दिक्कत। हरिद्वार में शुरू हुई निःशुल्क वाहन सेवा

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। पूरे देश के साथ ही हरिद्वार जनपद में भी कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, सबसे ज्यादा परेशानी का सामना मृतक के शरीर को शमशान घाट पहुंचाने में हो रहा है। क्योंकि एंबुलेंस मरीजों को हॉस्पिटल लाने ले जाने का कार्य कर रही है। हरिद्वार जिले में शव वाहन की कमी है, इसी को देखते हुए हरिद्वार की एक महिला द्वारा पहल की गई है और कुछ लोगों की मदद से शव वाहन को खरीद कर इस कार्य में लगाया गया है और यह शव वाहन निशुल्क शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर जाएगा।

कोरोना महामारी के कारण हरिद्वार जिले में कई लोग अपनी जान गवा रहे हैं। मृतक के परिजनों को शव को श्मशान घाट लेकर जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए हरिद्वार की एक महिला सरिता अग्रवाल के द्वारा शव वाहनों की कमी को देखते हुए निशुल्क शव वाहन की शुरुआत की गई। सरिता अग्रवाल का कहना है कि, कोरोना महामारी का अंत नजर नहीं आ रहा, लोग काफी परेशान हैं, क्योंकि शव वाहन उन्हें नहीं मिल पा रहे हैं। मेरे द्वारा कुछ परिचितों से इस मामले में आगे आने की बात की गई और हम सब ने मिलकर शव वाहन की शुरुआत की है। यह शव वाहन निशुल्क शव को लेकर श्मशान घाट जाएगा। हमारे द्वारा कुछ नंबर भी दिए गए हैं कोई भी व्यक्ति किसी भी समय फोन कर इस शव वाहन का उपयोग कर सकता है।

धर्म नगरी हरिद्वार में शव वाहन की शुरुआत किए जाने पर साधु संत भी इस कार्य को सराहा रहे हैं। निर्मल संतपुरा के संत जगजीत सिंह का कहना है कि, यह दुख की घड़ी पूरे विश्व में चल रही है। शव वाहन की शुरुआत कर इनके द्वारा काफी अच्छा प्रयास किया गया है और किसी को भी अगर इसकी जरूरत पड़ती है तो उनके लिए यह निशुल्क होगी मगर हम नहीं चाहते कि किसी को भी इस शव वाहन की जरूरत पड़े हम भगवान से प्रार्थना करते हैं। ऐसी किसी के परिवार में अनहोनी ना हो इनके द्वारा शव वाहन को समाज के लिए समर्पित किया गया है।

कोरोना काल में मृत शरीर को संस्थान ले जाकर अंतिम संस्कार कराने की जिम्मेदारी हरिद्वार की एक महिला ने उठाई है और इसके लिए बकायदा महिला द्वारा शव वाहन निशुल्क चलाने की व्यवस्था की गई है। महिला की पहल की हर कोई सराहना कर रहा है, क्योंकि इस वक्त शव वाहन न मिलने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई हद तक अब लोगों की परेशानी कुछ कम होगी क्योंकि हरिद्वार जिले में काफी संख्या में कोरोना के कारण लोग मर रहे हैं और उनको शशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।