सहकारिता में भ्रष्टाचार पर मुखर हुआ उक्रांद। दिया अल्टीमेटम

उत्तराखंड समाचार,

 उत्तराखंड क्रांति दल सहकारी बैंकों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ तीखे तेवर अपना लिए हैं।

 उत्तराखंड क्रांति दल ने आज सहकारिता सचिव को ज्ञापन सौंपते हुए सहकारिता निबंधक के खिलाफ जांच बिठाने की मांग की है।

 उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने आरोप लगाया कि, लंबे समय से सहकारी बैंकों के डायरेक्टर और आम जनता सहकारी बैंकों में नियुक्ति घोटाले लोन घोटाले और खरीद घोटालों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन सहकारिता विभाग कानों में तेल डाल कर बैठा हुआ है।

 उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि, 31 तारीख को निबंधक सहकारिता रिटायर हो जाएंगे, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी जांच करने को तैयार नहीं है।

 सचिव सहकारिता मीनाक्षी सुंदरम को ज्ञापन सौंपते हुए शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि, यदि निबंधक के घोटालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो उत्तराखंड क्रांति दल सहकारिता में व्याप्त घोटालों पर जन आंदोलन छेड़ेगा।

 गौरतलब है कि, पिछले दिनों चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों को नियम विरुद्ध ढंग से किए जाने पर यूकेडी ने भी विरोध किया था।

केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने कहा कि, इसको लेकर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जांच की बात कहते हुए भर्तियां निरस्त कर दी थी, किंतु अब सहकारी बैंकों में तृतीय श्रेणी के पदों पर बैक डोर से भर्तियां की जाने की तैयारी हो रही है।

  सहकारी बैंक देहरादून के निदेशक शिव सिंह कपरवान ने सचिव सहकारिता को तमाम दस्तावेज के साथ सहकारी बैंक देहरादून में की गई अनियमितताओं की जांच कराने की मांग की है।

 निदेशक शिव सिंह कपरवान ने कहा कि, पूर्व में भी कई बार बैंक में व्याप्त घपले घोटालों को लेकर वह आवाज उठा चुके हैं लेकिन उनके शिकायती पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

 जिला सहकारी बैंक देहरादून के डायरेक्टर तेज सिंह, शिव सिंह, अमर चंद शर्मा और विनीता शर्मा के संयुक्त हस्ताक्षर से सचिव सहकारिता को दस्तावेजी शिकायत दर्ज कराई गई।

 गौरतलब है कि, निबंधक सहकारिता के खिलाफ एक जांच राजभवन के स्तर से भी प्रचलन में है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि एक आईएएस स्तर के अधिकारी के खिलाफ जांच को लेकर की जा रही कार्यवाही कब तक अमल में आती है।

 उत्तराखंड क्रांति दल युवा मोर्चा की जिला अध्यक्ष सीमा रावत ने आरोप लगाया कि ,”नियुक्ति घोटालों के साथ ही ऋण वितरण में भी भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भारी कमीशन लेकर ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। वहीं घाटे वाले स्थानों पर भी नई नई शाखाएं चहेतों को उपकृत करने के लिए खोली जा रही है। 

भ्रष्ट अधिकारियों को प्रमोशन दिया जा रहा है और उनकी जांच रफा-दफा की जा रही है, जबकि भ्रष्टाचार में शामिल होने से इनकार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को बेवजह ट्रांसफर आदि से उत्पीड़ित किया जा रहा है।”

 उत्तराखंड क्रांति दल ने सहकारी बैंकों में व्याप्त घोटालों पर जांच न होने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।