एक्सक्लूसिव: चिल्ड्रन पार्क के सौंदर्यकरण में लाखों रुपये की फिजूल खर्ची

चिल्ड्रन पार्क के सौंदर्यकरण में लाखों रुपये की फिजूल खर्ची

– 46 दिनों में पार्क ने बहाए बदहाली पर आंसू
– लाखों के दूसरे बजट का इंतजार

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। 27 जनवरी को वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने सिद्धबली मंदिर के पास बने वन विभाग के चिल्ड्रन पार्क को यह कहते हुए लोकार्पण किया। यह पार्क मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

46 दिन में ही बदहाल हुआ पार्क, वन विभाग को अगले बजट के ख्वाब

वन विभाग द्वारा लाखों रुपए इस पार्क के सौन्दर्यकरण में खर्च करने के 46 दिनों में ही यह पार्क आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने लगा है। वन विभाग के उच्च अधिकारी जनता की गाढ़ी कमाई को ठिकाने लगा कर चलते बने। टूटी हुई टाइल्स, टूटे झूले, सूखते गमले और आस-पास बिखरी गंदगी पार्क की बदहाली की कहानी बयां कर रहे हैं और वन विभाग दूसरे बजट का हसीन सपना देखते हुए कुंभकरण की नींद में सो गया है।

स्थानीय लोगों ने उठाई जांच की मांग

स्थानीय लोगों ने भी वन विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि, यह सरकारी पैसे का दुरुपयोग है और आम जनता के पैसों की लूट है। मात्र 46 दिनों में ही यह पार्क बदहाल क्यों हो गया? इसकी जांच होनी चाहिए और जो लोग दोषी हैं उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। आइसे में सवाल उठता है कि, आखिर क्यों विभाग बिना सोचे समझे ही इन योजनाओं को धरातल पर उतार देता है। जब उनके पास रखरखाव, देखभाल के लिए कोई योजना नहीं होती। यह आम जनता द्वारा सरकार को टैक्स के रूप में दी गई गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग है।