दून में यूकेडी के होर्डिंग्स से नयेपन का एहसास
– क्या यूकेडी के लिए आक्सीजन का काम करेंगे मोहन काला?
– उद्यमी मोहन काला ने दिखाया दम, यूकेडी ज्वाइन की
देहरादून। आज सुबह यमुना कालोनी चौक पहुंचा तो देखा प्रदेश के नामी उद्यमी मोहन काला का एक बड़ा होर्डिंग लगा था। लिखा था राज्य बनाया है राज्य भी संवारेंगे। होर्डिंग यमुना कालोनी से आने वाले सारे मंत्रियों और नेताओं के सीने में शूल सा चुभ रहा होगा। ऐसा हमारा विश्वास है। चकराता रोड से लेकर राजपुर रोड, रेलवे स्टेशन पर मोहन काला और यूकेडी के नेता छाए हुए हैं। संभवतः पूरे 20 साल में पहली बार यूकेडी को इतना प्रचार नसीब हुआ होगा। कांग्रेस भाजपा के नड्ढा-चड्ढा और यादव-सादव के पोस्टर-बैनरों से ऊब चुके दूनवासियों को यह नयापन भाया होगा।
यूकेडी ने पिछले 20 साल में भले ही राज्य संबंधी मुद्दों को उठाया। लेकिन वो अपना विश्वास जनता से खो चुकी है। बार-बार दल टूटना, नेताओं का मौकापरस्त होना, धरातल पर काम न करना, संसाधनों का अभाव, कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटना, आगे बढ़ने की नीतियों और अच्छे नेतृत्व का अभाव ने यूकेडी को हाशिए पर ला दिया है। यूकेडी के नेता अपनी नाकामियों को मीडिया और भाजपा-कांग्रेस पर थोपते हैं। दल के नेता काशी सिंह ऐरी ने 2017 के चुनाव से पूर्व अपनी गलतियों के लिए राज्य की जनता से क्षमा मांगने का अभियान चलाया जो अधूरा रहा। चुनाव के बाद सब घर बैठ गये।
यूकेडी के सूत्रों के मुताबिक पार्टी की सदस्य संख्या अधिकतम एक लाख के आसपास है। 20 साल में एक लाख सदस्य का अर्थ है कि, एक साल में महज पांच हजार कार्यकर्ता। प्रदेश में 80 लाख वोटर हैं। ऐसे में यूकेडी के पास औसतन 1 प्रतिशत से भी कम वोट बैंक है। जबकि चुनाव जीतने के लिए 25 से 35 प्रतिशत कैडर वोट चाहिए। सीधा अर्थ है कि, धरातल पर काम ही नहीं किया। सोशल मीडिया के सहारे चुनावी जंग नहीं जीती जा सकती है। इसके लिए धरातल पर काम करना होगा।
अब सवाल यह है कि, संक्रमण काल से गुजर रही यूकेडी को क्या मोहन काला और मोहित डिमरी से आक्सीजन मिलेगी? निश्चित तौर पर रुद्रप्रयाग से मोहित डिमरी और श्रीनगर से मोहन काला लगातार जनता के बीच हैं। कोरोना काल में दोनों की अहम भूमिका रही है। दोनों नेता जनता के बीच में रहे हैं। ऐसे में क्या ये दोनों नेता पार्टी के लिए आक्सीजन का काम करेंगे? यह ऐसा सवाल है कि, जिसका जवाब के लिए इंतजार करना होगा। लेकिन मोहन काला के यूकेडी में शामिल होना पार्टी और क्षेत्रीय नेतृत्व के लिए वकालत करने वालों के लिए शुभ संकेत है कि उन्हें एक सक्षम और समर्थ नेता मिल गया है।