निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर कैलाशानंद गिरी का हुआ धूमधाम से पट्टाभिषेक

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर कैलाशानंद गिरी का हुआ धूमधाम से पट्टाभिषेक

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
धर्मनगरी हरिद्वार स्थित निरंजनी अखाड़े में कैलाशानंद गिरी महाराज का निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर बड़ी धूमधाम के साथ आज पट्टाभिषेक किया गया। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी महाराज समेत बड़ी संख्या में सभी तेरह अखाड़ो के साधु संत उत्तराखंड राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, साँसद मनोज तिवारी, प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण, आरएसएस के इंद्रेश कुमार , कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत कई वीआईपी शामिल हुए।

इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद सभी अथितियों, साधु संतों ने चादर विधि के अनुसार कैलाशानंद गिरी महाराज को चादर ओढ़ाकर उनका स्वागत किया और आचार्य महामंडलेश्वर बनने की शुभकामनाएं दी। इससे पहले कैलाशानंद गिरी महाराज रथ पर शोभा यात्रा निकालते हुए आश्रम दक्षिण काली मंदिर से निरंजनी अखाड़े तक पहुँचे। इस दौरान उनपर हेलीकॉप्टर से फूलों से वर्षा की गई। साथ ही जगह-जगह रास्ते में भी समर्थको ने पुष्पवर्षा कर उनका जोरदार स्वागत किया। वही कार्यक्रम में साँसद मनोज तिवारी और प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी मंच से भजन गाकर शुभकामनाएं दी। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपना संदेश भेजकर कैलाशानंद गिरी महाराज को आचार्य महामंडलेश्वर बनने पर शुभकामनाएं दी और इस पल को अपने लिए व्यक्तिगत हर्ष का विषय बताया।

इस दौरान नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि, आज से कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर है। निरंजनी अखाड़े के पंचपरमेश्वर ने आचार्य महामंडलेश्वर पद पर स्वामी कैलाशानंद का पट्टाभिषेक किया और आज से वो निरंजनी अखाड़े में आने वाले नए संतो को सन्यास की दीक्षा देंगे। अखाड़ो में ये परंपरा शंकराचार्य जी के निर्देश पर शुरू हुई है कि, शंकराचार्य की व्यस्तता के बाद आचार्य महामंडलेश्वर ही नए संतो को सन्यास की दीक्षा देंगे। वही आचार्य महामंडलेश्वर पद पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद पर नरेंद्र गिरी का कहना है कि, अखाड़ो के पास यह अधिकार होता है कि, वह अपने आचार्य महामंडलेश्वर को हटा सकता है।

वही निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि, यह गौरवपूर्ण समय है और आज श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर मेरा पट्टाभिषेक किया गया है। मैं आगे निरंजनी अखाड़े की परंपरा को आगे बढाने का काम करूंगा। साथ ही हमेशा सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए भी पूरी निष्ठा से काम करूंगा। कुम्भ मेले को दिव्य-भव्य बनाने के लिए निरंजनी अखाड़े की तरफ से सरकार से बात करेंगे।

आचार्य महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक कार्यकम में निरंजनी अखाड़े के साधु संतों ने स्वामी कैलाशानंद गिरी का दूध और दही से अभिषेक किया और जमकर पुष्प वर्षा की। कार्यक्रम में पहुचे वीआईपी ने भी इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी को अपनी शुभकामनाएं प्रेक्षित की। वही आचार्य महामंडलेश्वर पद पर चल रहे विवाद पर भी कुछ हद तक विराम लग गया।