एक्सक्लूसिव: उच्च शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप

उच्च शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप

– विश्वविद्यालयों के चहुमुखी विकास का पहिया जाम

देहरादून। सरकार के द्वारा हो रही मनमानी एवं अंब्रेला एक्ट के खिलाफ आज यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल एवं केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। जिसमें उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि, भाजपा सरकार विश्वविद्यालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप कर रही है। यहां तक कि अंब्रेला एक्ट की आड़ में अपने राजनीतिक एजेंडे के अनुसार कुलपतियों की मनमाने तरीके से नियुक्ति कर रही है। अयोग्य कुलपति कई बार हाईकोर्ट के द्वारा हटा दिए जा रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार की मनमानी जारी है।

उत्तराखंड क्रांति दल ने यह भी कहा कि, सरकार ने मनमाने ढंग से विश्वविद्यालय अंब्रेला एक्ट की आड़ में मनमानी कर रही है। इसी मनमानी को देखते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इस एक्ट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय एक्ट का मसौदा वापस पुनर्विचार करने के लिए भेज दिया है तथा कई सारे सुझाव दिए हैं। दल ने कहा कि सरकार को इन सुझावों को चुपचाप मान लेना चाहिए। सरकार की मनमानी के कारण जहां एक और शिक्षण संस्थानों की गरिमा प्रभावित हो रही है वहीं राज्य की छवि भी खराब हो रही है।

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने कहा कि, सरकार भाजपा के प्रति निष्ठा रखने वाले अयोग्य लोगों को कुलपति के पद पर बिठा रही है। जिस पर उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि यदि सरकार इस एक्ट को वापस नहीं लेती है तो उत्तराखंड क्रांति दल इस मनमानी के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगा।

यदि सरकार विश्वविद्यालयों के कार्यों में हस्तक्षेप ना करें एवं विश्वविद्यालयों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दे, तो इससे विश्वविद्यालयों का चहुमुखी विकास होगा। उक्रांद के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि, यदि सरकार अपनी अंब्रेला एक्ट की नीति को जारी रखती है तो उक्रांद सड़कों पर उतर कर इसका विरोध करेगा।