मेलाधिकारी ने किया गंगा सफाई अभियान का निरीक्षण। मौके पर पाई खामियां, मौजूदा ठेकेदार को फटकार

मेलाधिकारी ने किया गंगा सफाई अभियान का निरीक्षण। मौके पर पाई खामियां, मौजूदा ठेकेदार को फटकार

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। हरिद्वार गंग नहर बंद होने के बाद कुम्भ मेला प्रशासन ने आज सूखी गंगा में उतर कर गंगा सफाई अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत समेत पूरा कुम्भ मेला प्रशासन गंगा सफाई में जुटा रहा। कुम्भ मेला कार्यों के लिए इस बार तय समय से 10 दिन पहले ही गंग नहर बंद की गई है। जिसके बाद मेला प्रशासन ने तमाम सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं से गंगा सफाई की अपील की थी, जिसके तहत आज गंगा सफाई अभियान की शुरुआत की गई। इस मौके पर गंगा में फेंके गए कपड़े, पॉलिथीन वा टूटी मूर्तियों को निकाला गया। गंगा सफाई के बाद मेला अधिकारी दीपक रावत ने गंगा बंदी के दौरान चल रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया। हर की पैड़ी के पास स्थित कांगड़ा घाट पर चल रहे कार्य का निरीक्षण करते हुए दीपक रावत ने कई खामियां पाई और मौके पर मौजूद ठेकेदार को फटकार तक लगाई।

इस दौरान मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि, हरिद्वार में हर साल गंगा बंधी होती है। इस बार कुंभ के कार्य होने हैं इस वजह से यूपी सरकार से उत्तराखंड सरकार द्वारा गंगा बंदी की अवधि बढ़ाई जाने की मांग की गई थी, गंगा बंदी 14 नवंबर तक रहेगी। इस दौरान गंगा के अंदर गंदे कपड़े, प्लास्टिक और जितनी भी गंदगी है। उन सब को हटाने का अभियान चलाया है। इसमें कई संस्थाएं भी हमारे साथ कार्य कर रही है और कई वॉलिंटियर भी है। जो आने वाले दिनों में गंगा सफाई का कार्य करेगा। इस कार्य में कई संस्थाएं और जुड़े हुए लोग बढ़-चढ़कर इस कार्य को करें। एक महीने के समय में हम गंगा को काफी हद तक साफ कर सकते हैं। दीपक रावत का कहना है कि, हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं से मैं अपील भी करना चाहता हूं कि, वह गंगा में किसी भी प्रकार की गंदगी ना करें और कूड़े को एक ही स्थान पर रखें। जिससे नगर निगम और नमामि गंगे की टीम उसे साफ कर सकें।

मेला अधिकारी दीपक रावत ने गंगा बंदी के दौरान चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही हर की पैड़ी के पास स्थित कांगड़ा घाट पर चल रहे कार्य का निरीक्षण करते हुए दीपक रावत ने कई खामियां पाई और मौके पर मौजूद ठेकेदार को फटकार तक लगाई। दीपक रावत का कहना है कि, कांगड़ा घाट का विस्तार किया जा रहा है और वहां पर टेंपरेरी बांध बनवाना है। क्योंकि गंगाजल वहां पर आ रहा है उसे दूसरी जगह मोड़ना है। उसका कार्य जितनी तेजी से होना था वह होता दिखाई नहीं दे रहा है। मेरे द्वारा मौके पर अधिकारियों को और ठेकेदार को बताया गया है कि, यहां पर लेबर और मशीनरी बढ़ाकर कार्य को जल्द पूरा किया जाएगा।