भगोती गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल। मजदूरों को गांव से हटाने की मांग

भगोती गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल। मजदूरों को गांव से हटाने की मांग

रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। नारायणबगड़ विकासखंड में बीते दिनों 16 जुलाई को लंबे समय बाद कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। विकासखंड के भगौती गांव में रह रहे सड़क निर्माण में कार्य कर रहे 7 मजदूर बरेली से नारायणबगड़ लोटे थे, जिनके कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिए गए थे और इन सभी मजदूरों को क्वारंटाइन की सलाह भी दी गई थी, इन मजदूरों में से 6 मजदूरों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जबकि एक मजदूर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है।

ग्रामीणों ने अब पूरे गांव की सेम्पलिंग एवं सैनिटाइज करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि, प्रशासन इस ओर लापरवाही बरत रहा है। पॉजिटिव आने के बावजूद भी पूरे गांव को सेनेटाइज नहीं किया गया, ना ही उस स्थान को सैनिटाइज किया गया। साथ ही ग्रामीणों ने पीएमजेएसवाई विभाग से भी मांग की है कि, वह ठेकेदार को इन मजदूरों को यहां से अन्य जगह शिफ्ट करवाएं। जानकारी मिली है कि, उक्त श्रमिक पीएमजीएसवाई द्वारा निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर ठेकेदार के अंतर्गत कार्य कर रहे थे, ग्रामीणों ने इस मामले में तहसीलदार सुदर्शन सिंह बुटोला से मुलाकात कर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।

ग्रामीण, ग्राम प्रधान सीता देवी, यशोदा देवी, महिला मंगल दल अध्यक्ष गीता देवी, दिनेश सिंह, महेश सिंह, हरपाल नेगी, मंजू देवी, नीलकमल आदि का कहना है कि, ठेकेदार द्वारा बिना ग्राम सभा की अनुमति के ही मजदूरों को गांव में रखा हुआ है। मजदूर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली है। जिस जगह से मजदूर पानी भरते है, गांव वाले भी उसी जल स्त्रोत से पानी भरते है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग है कि, जल स्रोत के साथ-साथ पूरे गांव को भी सैनिटाइज किया जाए। क्योंकि जल स्रोत में बच्चे से लेकर बूढ़े तक गांव के सभी लोग पानी भरने आते है।

वहीं तहसीलदार थराली सुदर्शन बुटोला ने टेलीफोन पर जानकारी देते हुए कहा कि, ग्रामीणों की शिकायत जिलाधिकारी चमोली को भेजी जा चुकी है। आला अधिकारियों के निर्देश के बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।