Exclusive: वन विभाग की आंखों से ओझल हुए डंपिंग जोन, वन संपदा का नुकसान

वन विभाग की आंखों से ओझल हुए डंपिंग जोन, वन संपदा का नुकसान

विकासनगर। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत चांदनी-प्यूनल मोटर मार्ग निर्माण में भारत सरकार के अनुज्ञा पत्र का अनुपालन नहीं हो रहा है। कार्यदायी संस्था रिजर्व फोरेस्ट में जहां-तहां मलवा फेंक रही है। इसका खुलासा वन विभाग की जांच रिपोर्ट में भी हुआ है। इस संबंध में डीएफओ स्तर से पूर्व में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना खंड कालसी के अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी किया गया था, बावजूद सड़क निर्माण में भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन नही किया जा रहा है। जिससे वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

बताते चलें कि, करीब 23 किमी लंबी निर्माणाधीन सड़क का करीब 1.1375 हेक्टयेर भूमि देवघार रेंज के अंतर्गत आती है। बीती 04 मई को पीएमजीएसवाई को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि, मलवा निस्तारण हेतु स्थान निर्धारित नही किया गया है। मलबा मार्ग से नीचे लुढ़काया जा रहा है। जिससे वनस्पतियों और वृक्षों को क्षति हुई है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि, ग्रामीणों ने निर्माण कार्यो में अनियमितता के वीडियो विभाग के उच्चतम स्तर पर भी प्रेषित किए हैं।

जिम्मेदारी से बच रहा वन विभाग

शिवसेना के प्रदेश महासचिव दर्शन डोभाल का कहना है कि, निर्माण कार्य में भारत सरकार के अनुज्ञा पत्र की शर्तों का पालन नही किया जा रहा है। जिससे वन संपदा तबाह हो रही है। भारत सरकार की निर्दिष्ट शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कराने में वन विभाग बौना साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि, नियमानुसार वन विभाग को यह प्रकरण कार्यवाही के लिए भारत सरकार को संदर्भित करना चाहिए, लेकिन विभाग अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है।

पीएमजीएसवाई को पहले भी नोटिस भेजा गया था, जिसकी जांच चल रही है। यदि नियमों की अनदेखी हुई तो प्रकरण को कार्यवाही के लिए भारत सरकार को संदर्भित किया जाएगा। दीपचंद आर्य, डीएफओ चकराता