कविता: वेलकम कोरोना

वेलकम कोरोना

– तुषार……✍️✍️
आ गये हो तो तुम्हारा स्वागत है,
सुना है तुम में बहुत ताकत है।
कई देशों में मचाई तुमने आफत है,
पर तुम जैसों को कुचलने की
हमारे देश के बच्चे-बच्चे को आदत है।
अब जरा सोचो तुम्हें हमसे कौन बचायेगा,
कोरोना आ तो गया है इंडिया में
पर जिंदा बच के नहीं जाएगा।।

 

मोदी राज का नया भारत है,
खतरे को खतरा महसूस कराने में
आज हासिल हमें महारथ है।
यहां हारने के लिए तुम्हें गुडलक है,
लड़ने के क्या औजार हैं तुम्हारे पास देख लो
हम दुश्मन का जड़ से सफाया करते हैं।
यकीन न हो तो हमारा इतिहास देख लो,
जब मंदिर ही बंद हैं तो तुम पे
दया कौन दिखायेगा?
कोरोना आ तो गया है इंडिया में
पर जिंदा बच के नहीं जाएगा।।

 

तुषार के शब्द तुझे दर्द बहुत देंगे,
गोली, बंदूक, बम की छोड़
तुझे तो सेनेटाइजर वाली मौत देंगे।
सब गुस्सा हैं तुमसे, तुम्हारी अब लाश कौन उठाएगा?
कोरोना आ तो गया है इंडिया में
पर जिंदा बच के नहीं जाएगा।।