आखिर किसके दम पर एचएस कर रहा है बालू घाट से अवैध खनन
– हिस्ट्रीशीटर के हुनक पर नही बल्कि नोटो की गडडी के आगे प्रशासन ने साध रखा है मौन
– पूर्व में समाजवादी पार्टी से रिश्ता जोडने वाले आज अपने को भाजपा के सांसद विधायक का करीबी बताकर सरकार को लगा रहे है चूना
कौशाम्बी। अपराधिक दुनिया में किंग के नाम से मशहूर चायल सर्किल क्षेत्र का एक हिस्ट्रीशीटर ने बालू की दुनिया में दो दशक पूर्व कदम रखा था। इस हिस्ट्रीशीटर को अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने भी तलब किया। कहाँ सीबीआई अफसरों ने उक्त बालू माफिया को कड़ी फटकार लगाई थी।
बता दें कि, उक्त हिस्ट्रीशीटर बालू माफिया का चायल सर्किल क्षेत्र के यमुना नदी के सैदपुर रूसहाई महरनिया बालू घाट में दबदबा है और रायफल की नोक पर इन घाटो से बालू का अवैध खनन और परिवहन प्रतिदिन बेखौफ तरीके से हिस्ट्रीशीटर के संरक्षण में हो रहा है। जिले मंडल से लेकर तहसील तक के अधिकारी हिस्ट्रीशीटर के सामने घुटने टेक चुके है। खनन अधिकारी भी उक्त बालू माफिया की गुलामी करने का ठेका ले चुके है। पूर्व में समाजवादी पार्टी से रिश्ता जोडने वाले आज अपने को भाजपा के सांसद विधायक का करीबी बताकर सरकार को चूना लगा रहे है।
आखिर किसके दम पर यह बालू का अवैध खनन हो रहा है।जो कि एक बड़ी जांच का विषय है। इस बालू माफिया का शरणदाता कौन है और हिस्ट्रीशीटर बालू माफिया पर कार्यवाही का साहस आखिर प्रशासन क्यों नही जुटा पा रहा है। यह तमाम सवाल लोगो के जेहन में कौध रहे है। यमुना नदी के लिए खतरा बन चुके उक्त बालू माफिया से त्रस्त आज एक दर्जन बालू पट्टा धारक कलेक्ट्रेट पहुचे है और बालू माफिया के जुल्म ज्यादती की कहानी सुनाते हुए बालू माफिया पर कार्यवाही की मांग आलाधिकारियो से की है।
वही बालू माफिया के पक्ष पर जानने का प्रयास किया गया तो इलाहाबाद के संजीव गुप्ता के नाम इलाहाबाद जिले के खनन विभाग ने सिमरी यमुना घाट का पट्टा दे रखा है और सिमरी घाट के आड में प्रयागराज के साथ-साथ कौशाम्बी जिला के क्षेत्र सैदपुर रूसहाई और महरनिया यमुना घाट पर बालू का अवैध खनन बीते कई महीनो से हो रहा है।
वैसे सूत्रो की माने तो हिस्ट्रीशीटर के हुनक पर नही बल्कि नोटो की गडडी के आगे प्रशासन ने मौन साध रखा है। यदि इस अवैध खनन पर शासन ने जांच करायी तो खनन अधिकारी का निलम्बन तय है। जिलाधिकारी कार्यालय पहुचे लोगो में संजय कुमार, मनीश ओझा, पंकज कुमार, आर के अग्रवाल, भगवाना राम सहित तमाम पट्टा धारक शामिल रहें।