अब दूसरे के सर ठीकरा फोड़कर नहीं बच पाएंगे पीडब्ल्यूडी के अधिकारी
देहरादून। लोक निर्माण विभाग में बड़े स्तर पर सुधारों का सिलसिला शुरू हुआ। खराब काम करने पर अब चीफ इंजीनियर तक से होगी वसूली, शासनादेश जारी। दिल्ली विधानसभा के एग्जिट पोलों टीवी में भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलता देख उत्तराखंड सरकार भी 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कसने लगी है। अब प्रदेश सरकार को अपना जीरो टॉलरेंस का दिया हुआ नारा याद आने लगा है। सरकार ने प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए है कि, वह किसी भी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखे। अगर कहीं निर्माण कार्यों में कोई शिकायत आती है तो जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक को नुकसान की भरपाई अपनी जेब से करनी होगी।
बताते चलें कि, उत्तराखंड प्रदेश में अब तक पीडब्लूडी के अधिकतर मामलों में ठेकेदारों पर ही गाज गिरती थी। नई व्यवस्था के तहत लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक को नुकसान की भरपाई अपनी जेब से करनी होगी। अब दूसरे के सर ठीकरा फोड़कर अधिकारी नहीं बच पाएंगे। गलत डिजायन के कारण होने वाले नुकसान की वसूली स्वीकृति देने वाले मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता तक से होगी।
सरकार ने पीडब्लूडी में कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक सख्त निर्देश जारी किया है। उत्तराखंड में सड़क से लेकर अन्य निर्माण कार्य में गड़बड़ी होने पर अब ठेकेदारों के साथ ही अफसरों से भी वसूली होगी। शासन ने अब यह तय कर दिया है कि, नुकसान होने पर ठेकेदार सहित किस अफसर से कितनी भरपाई की जाएगी।
गलती या गड़बड़ी होने पर जो भी नुकसान होगा, उसकी वसूली अधिकारियों से भी होगी। स्पष्ट आदेश होने के कारण कोर्ट कचहरियों के मामलों से भी निजात मिलेगी और अधिकारी भी लापरवाही नहीं करेंगे।