कांग्रेस के पूर्व सीएम रावत ने साधा कांग्रेस पर निशाना
देहरादून। एक बड़ा सवाल उछाला जा रहा है, हरीश धामी का नाम किसने दिया? हां नाम मैंने दिया। दर्जनों और नाम भी दिये। हरीश धामी स्वयं दो बार व एक बार मुझे विधानसभा का चुनाव जिता चुके हैं। स्वयं जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य रहे हैं और उस क्षेत्र में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव में पार्टी को महत्वपूर्ण उपलब्धियां दिलवा चुके हैं। ऐसा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर लिखा।
उन्होंने यह भी लिखा कि, धामी सीमान्त क्षेत्र में कांग्रेस के स्तम्भ हैं। महासचिव पद के लिए उनका नाम दिया। ऐसे नामों को जिन्हें मैंने, अन्य दो दर्जन नामों के साथ महासचिव पद के लिये दिया, वहां पार्टी ने उन्हें सचिव पद पर नियुक्त कर दिया, ऐसे छः लोग हैं। मुझे खुशी है, राज्य में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हरीश धामी की प्रशंसा में बहुत कुछ कहा है। उनको उचित पद नहीं दिया गया, इस तथ्य को स्वीकार किया है। यह जिम्मेदारी नाम देने वाले व्यक्ति की है। काश सूची जारी करने से पहले इस तथ्य को ध्यान में रखकर धामी, गुलजार आदि से बात कर ली जाती।
मैं भी कहीं अदृश्य नहीं था, मुझे सूचित कर लिया जाता, मैं लिस्ट में सुधार हेतु सक्षम अथाॅरिटी से बात कर लेता। इतना सब कुछ कहने, सुनने की आवश्यकता नहीं पड़ती। धामी, पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वरिष्ठतम लोगों को उनकी स्वभाविक प्रतिक्रिया पर सार्वजनिक टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिये था। पद सब चाहते हैं, यदि पद नहीं दे सकते हैं तो सम्मान दें, तो हमें कार्यकर्ताओं को देना पड़ेगा। हममें से बहुत सारे लोग चुनाव नहीं जीत पाते हैं। यह कहना कि, जो ग्राम प्रधान का पद नहीं जीत सकते, उन्हें पद मांगने का अधिकार नहीं है। एक अलग बात है। ऐसे बयान, रात-दिन पार्टी के लिए परिश्रम कर रहे कार्यकर्ताओं का अपमान है।