सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत सेमवाल के साथ खेलने का कर रही एक असफल प्रयास: पत्रकार

सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत सेमवाल के साथ खेलने का कर रही एक असफल प्रयास

 

सेमवाल की गिरफ्तारी पर 18 पत्रकार संगठन हुए एकजुट….
– भ्रष्टाचार पर मुंह खोलने और कलम चलाने वालों को भेजा जा रहा जेल….
– राजनीतिक संगठनों ने भी दिया सेमवाल का साथ….

देहरादून। पर्वतजन के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल की अविलम्ब रिहाई व उनकी पुलिस द्वारा गलत तरीके से की गई गिरफ्तारी के खिलाफ गांधी पार्क के बाहर एकत्र हुए पत्रकार संगठनों के सांकेतिक धरने को तमाम समाजिक कार्यकर्ताओं व राजनीतिक लोगों ने अपना समर्थन दिया।

 

आज देहरादून के अलग-अलग पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकार साथियों ने संयुक्त पत्रकार संघर्ष समिति के बैनर तले गांधी पार्क के बाहर सरकार व पुलिस प्रशासन के द्वारा पत्रकारों पर किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ धरना दिया, तथा सभी साथियों ने एक सुर से यह आवाज उठाई कि, पत्रकार साथी शिव प्रसाद सेमवाल के मामले में पुलिस एक तरफा कार्यवाही करने के स्थान पर पूरी ईमानदारी के साथ मामले की जांच करें, तथा सेमवाल को अति शीघ्र रिहा किया जाए।

सेमवाल की गिरफ्तारी पर गांधी पार्क के बाहर पत्रकारों का सांकेतिक धरना

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि, बगैर तथ्यों की सही जांच किए बिना पत्रकार को जेल पहुंचा दिया। ये किसके इशारे पर हुआ बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि, डबल इंजन की सरकार का रवैया पहले दिन से ही पत्रकारों के साथ अच्छा नहीं है। अब सरकार अपना रंग दिखाने लगी है। सच लिखने वालों को सरकार प्रताड़ित कर रही है। भ्रष्टाचार पर मुंह खोलने और कलम चलाने वालों को जेल भेजा जा रहा है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। सभी ने एक स्वर में कहा कि, जरूरत पड़ी तो पत्रकार सड़कों पर भी उतरेंगे।

 

पत्रकार संगठनों ने एक सुर में घोषणा की, कि उनका यह संघर्ष जारी रहेगा तथा सरकार द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में कोई न्यायोचित कदम ना उठाए जाने की स्थिति में सरकारी खबरों के बहिष्कार की घोषणा भी की जा सकती है। ज्ञात रहे कि, तथाकथित राज्यमंत्री नीरज राजपूत द्वारा शिव प्रसाद सेमवाल के खिलाफ दर्ज की गई रिपोर्ट के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पहले ही यह स्पष्टीकरण दे दिया गया है कि, उनकी सरकार में नीरज राजपूत नाम से कोई राज्यमंत्री नहीं था और अब कांग्रेस के तमाम नेताओं के पत्रकारों के साथ जुड़ने व उनके साथ उनके द्वारा पत्रकारों के इस आंदोलन का लगातार किए जा रहे समर्थन के बाद यह और भी स्पष्ट हो जाता है कि, सरकार एक सोची-समझी रणनीति के तहत शिव प्रसाद सेमवाल के साथ खेलने का एक असफल प्रयास कर रही है।

उक्त सांकेतिक प्रदर्शन में पत्रकार साथियों के अलावा कांग्रेस से जुड़े संजय भट्ट, चमोली, रेनू नेगी शेरनी उत्तराखंड, सुजाता पॉल, वीडी शर्मा, आलोक शर्मा, संजीव पंत, पंकज कपूर, मामचंद शाह, राजकुमार धीमान, विजय रावत, अफरोज खाँ, आशीष नेगी, हरीश शर्मा, प्रकाश सिंह, राजेश शर्मा, संजय भट्ट, शहजाद अली, गौरव तिवारी, दीपक धीमान, विनय भट्ट, सुनील गुप्ता, विनय वासु, शबनम कुरैशी, सहित भारी संख्या में पत्रकारों समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भागीदारी की और सरकार के न चेते की स्थिति में एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किए जाने की बात कही।