सरकार ने बना डाला देवभूमि को दारुभूमि: पिरसाली

सरकार ने बना डाला देवभूमि को दारुभूमि: पिरसाली

– त्रिवेन्द्र सरकार बनी शराब माफियाओं के हाथों का खिलौना….

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार शराब माफियाओं की गुलाम हो चुकी है। उनके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तोड़ निकाल कर सरकार ने रातों-रात राज्य मार्ग को जिला मार्ग में परिवर्तित कर शराब माफियाओं को त्वरित राहत देने वाली सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र रावत के पास आबकारी विभाग भी है। इसलिए शराब माफिया उनको अपने हाथों की कठपुतली बनाये हुए हैं। ऐसा आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने मीडिया में अपना एक बयान जारी कर कहा। बीते कुछ दिन पूर्व राजधानी में घटित जहरीली शराब कांड से मौतों के लिये राज्य की भाजपा सरकार और सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र रावत पर पिरसाली ने हमला बोला है।

 

 

 

पिरसाली ने कहा कि, लगातार प्रदेश उत्तराखण्ड में अवैध शराब और शराब की कालाबाज़ारी खुलेआम चल रही है। यह सब भाजपा नेताओं और भाजपा सरकार की नाक के नीचे हो रहा है। शराब उत्तराखण्ड में सरकार के लिए हमेशा ही उगाही का एक महत्वपूर्ण जरिया रही है। इसलिए वो चाहे कांग्रेस के पिछले मुख्यमंत्री हो या अभी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री हों दोनों पर ही शराब के छीटे पड़ रहे हैं।

 

 

 

पूर्व अध्यक्ष पिरसाली ने सरकार पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि, जनता अब इस खेल को समझने लगी है। उत्तराखण्ड में सभी सरकारों ने राजस्व के नाम पर शराब को हमेशा उगाही का माध्यम बनाया है, और इसके लिए शराब माफियाओं को महत्व दिया गया है। सरकार ने आजतक कोई भी ठोस आबकारी नीति नही बनायी है। जिसकी वजह से शराब माफियाओं का कारोबार फलफूल रहा है, और मासूम जनता अपनी जान गवा रही है। त्रिवेन्द्र सरकार ने देवभूमि को दारूभूमि बना दिया है।

 

 

 

पिरशाली ने यह भी कहा कि, भाजपा की इस सरकार के कार्यकाल में जहरीली शराब से अब तक उत्तराखण्ड में सेैकड़ों मौतें हो चुकी हैं, कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार के कान में झूँ तक नही रेंग रही हैं। यह सब खेल सरकार की शह पर ही हो रहा है। इस कांड में भाजपा नेताओं की संलिप्ता साफ नजर आ रही है। इसलिए सरकार ज़हरीली शराब कांड की जांच से घबरा रही है। कहीं इसकी आंच सरकार को न झुलसा दे। नागरिकों से अनुरोध है कि, अपनी सुरक्षा स्वयं करे, सरकार के भरोसे न रहें। क्योंकि, उत्तराखण्ड में डबल इंजन की सरकार का एक इंजन अभी ठप है।