नवविवाहिता के फांसी प्रकरण में 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज। जांच शुरू

नवविवाहिता के फांसी प्रकरण में 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज। जांच शुरू

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
धर्मनगरी। हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में कल देवताल मोहल्ले में एक नवविवाहिता द्वारा फांसी लगाने के मामले में परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने छ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री पूनम भगत पुत्र शिवम भगत सौरभ भगत कार्तिक वशिष्ठ और दो अन्य के खिलाफ पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में सौरभ भगत को गिरफ्तार कर लिया है। मगर अभी भी बाकी के लोगों को पुलिस तलाश कर रही है। वही मृतका के पिता ने इस मामले में आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।

नवविवाहिता मृतका के पिता महेंद्र का कहना है कि, 9 दिसंबर को मेरी बेटी की शादी हुई थी, हमारे द्वारा काफी दहेज भी दिया गया। मगर शादी के बाद से ही ससुराल वालों द्वारा मेरी बेटी याशिका गौतम को मारा पीटा जाता था 15 दिन पहले भी उसे मारा पीटा गया। हमारे द्वारा उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। मगर 2 दिन बाद ससुराल वालों द्वारा माफी मांगी गई और मेरी बेटी को घर ले गए। मगर इनके द्वारा मेरी बेटी की हत्या कर दी गई। हमारे द्वारा इस मामले में पूनम भगत पुत्र शिवम भगत सौरभ भगत और कार्तिक वशिष्ठ और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

इनका कहना है कि, मेरी बेटी को साजिश के तहत मारा गया। शादी के बाद से ही मेरी बेटी को परेशान किया जा रहा था और हमसे दहेज की मांग की जा रही थी। हमारे द्वारा काफी पैसा भी इनको दिया गया। उनका कहना है कि, पूनम भगत हरिद्वार के बड़े बदमाश स्वर्गीय घनश्याम भगत की पत्नी है और यह एक बार पहले इंटरपोल द्वारा बबलू श्रीवास्तव के साथ पकड़ी जा चुकी है और मुझे जान से मारने की धमकी भी दी थी। अगर मेरी बेटी को इंसाफ नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। पुलिस द्वारा इस मामले में मेरे दामाद शिवम भगत को गिरफ्तार कर लिया गया है। मगर इसके साथी फरार हो गए।

नवविवाहिता मृतक याशिका गौतम की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट अभी पुलिस के पास नहीं आई है। आगे की जांच इस बात पर ही निर्भर करेगी कि, पोस्टमार्टम में डॉक्टरों ने मौत का कारण क्या लिखा है। हालांकि सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार मौत फांसी के कारण हुई बताई जा रही है। जबकि आगे की जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आईपीसी की धारा 304 बी में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आगे की जांच शुरू कर दी है। मगर अभी पुलिस कैमरे पर कुछ भी कहने से बच रही है।