कोरोना सैंपलिंग केबिन बना शोपीस, केबिन में नहीं बैठ सकते चिकित्सक
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जांच के लिऐ धर्मावाला चैक पोस्ट पर कोरोना संक्रमित व्यक्तियो व संदिग्धों की सैंपलिंग के लिऐ केबिन बनाया गया है। लेकिन सैंपलिंग के लिऐ लगाया गया केबिन शो पीस साबित हो रहा है। केबिन सही जगह पर नही लगाया गया है। जिससे चिकित्सको को सैंपलिंग करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केबिन में चिकित्सक नही बैठ सकते क्योंकि केबिन धूप वाली जगह पर लगाया गया है। जिससे केबिन बहुत गर्म हो जाता है और केबिन में चिकित्सको का दम घुटने लगता है।
गर्मी से अंदर केबिन में पीपीई ड्रेस पहने चिकित्सक का हाल बेहाल हो जाता है। जिस वजह से केबिन में बैठकर चिकित्सक सैंपलिंग नही कर पा रहे है। केबिन पूर्णतया बंद है, जिसमे बिल्कुल भी हवा अंदर नही जा सकती। इस वजह से चिकित्सको को खुले में ही बाहरी राज्यो से आने वाले प्रवासियों की जांच करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में खुले में सैंपलिंग करने से चिकित्सक पुलिसकर्मी भी संक्रमण की चपेट में आ सकते है।
साथ ही धर्मावाला चौक पर सड़क के किनारे ही कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है। जो कि उचित नही है। ऐसे में सीमावर्ती गांव तिमली, धर्मावाला, प्रतीतपुर, बाँसोंवाला, शाहपुर, कल्याणपुर, आदूवाला, बद्रीपुर मटक माजरी, कुल्हाल आदि गांवो में संक्रमण फैल सकता है। क्योंकि जिस चौक पर सड़क के किनारे कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है। वहां से इन गांवो के ग्रामीणों का आना जाना है। बाहर से आने वाले प्रवासियों की चौक पर ही खुले में थर्मल स्क्रीनिंग व सैंपलिंग की जा रही है।
बाहरी राज्यो से आने वाले प्रवासी चौक पर खुले में घूम रहे है। ऐसे में बाहरी राज्यो से आने वाले लोग सड़क किनारे ही पेशाब व थूक भी रहे है और बैठते भी है। ऐसे में आसपास का क्षेत्र भी संक्रमित होने की संभावना है। आस-पास के ग्रामीण अक्सर इस चौक पर आते जाते रहते है। ग्रामीणों के पशु आदि भी इस स्थान पर घूमते रहते है। ऐसे में संक्रमण आस-पास के गांवो में आसानी से पहुंच जाऐगा और स्थानीय ग्रामीण भी संक्रमण की चपेट में आ जाऐंगे।