हाईकोर्ट ने नगर निगम के कूड़ा उठान कंपनी के टेंडर पर बैठाई विजिलेंस की जांच
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून। देहरादून के 47 वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा उठान के लिए गए किए गए टेंडर पर जांच बैठा दी गई है। प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका के चलते हाईकोर्ट ने मामले में विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने निगम में पहुंचकर दस्तावेज कब्जे में लेने भी शुरू कर दिए।
टेंडर प्रक्रिया में बाहर हुई कंपनी के हाईकोर्ट पहुंचकर प्रक्रिया पर सवाल उठाने के बाद मामले में जांच बैठाई गई है। दो सप्ताह के भीतर विजिलेंस जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।
गुरुवार को नगर निगम में घर-घर कूड़ा उठान कंपनी के टेंडर प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें मामले की जांच के लिए विजिलेंस को निर्देश जारी किए गए। इसके बाद शाम को विजिलेंस की टीम नगर निगम पहुंच गई।
यहां निगम के अधिकारियों से मामले की पूरी जानकारी ली गई और कुछ कागजात भी देखे गए। इसके अलावा कोर्ट के आदेश के क्रम में शुक्रवार शाम चार बजे तक टेंडर प्रक्रिया से जुड़े तमाम दस्तावेज के दो सेट विजिलेंस को उपलब्ध कराने को कहा गया है।
कोर्ट ने मामले में कान्फ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के अंदेशे को देखते हुए जांच को आवश्यक बताया। अब विजिलेंस को दो सप्ताह में जांच पूरी करनी है और आगामी 25 मार्च को हाईकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
बिड में बाहर हुई कंपनी ने कोर्ट में की थी अपील
नगर निगम की ओर से करीब तीन से चार माह पूर्व से 47 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के लिए नई कंपनी के लिए टेंडर प्रक्रिया की गई। जिसमें बीते जनवरी में नेचर ग्रीन कंपनी को दून के 47 वार्ड में घर-घर कूड़ा उठान से लेकर पूरी व्यवस्था संभालने के लिए चयनित किया गया।
इस बीच टेंडर प्रक्रिया में शामिल एक अन्य कंपनी ने खुद को टेंडर की टेक्निकल बिड में बाहर किए जाने को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।
कंपनी का कहना था कि उन्हें बाहर करने का कोई कारण नहीं है। वह सभी नियम-शर्तों पर खरे हैं। इस मामले में कोर्ट में कई बार सुनवाई हुई और नगर निगम ने भी अपना पक्ष रखा। अब कोर्ट ने मामले में जांच बैठा दी है।
दो सप्ताह में देंगे रिपोर्ट
विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन ने बताया कि नगर निगम में कूड़ा कंपनियों के चयन के लिए की गई टेंडर प्रक्रिया की जांच के आदेश हाईकोर्ट से प्राप्त हुए हैं। जिसके क्रम में टीम ने जांच शुरू कर दी है।
नगर निगम से सभी संबंधित दस्तावेज लिए जा रहे हैं। दो सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। जिसके बाद यह जांच रिपोर्ट हाइकोर्ट में पेश की जाएगी