मैं भी सावरकर लिखेंगे क्या अब भाजपा के मंत्री, नेता, कार्यकर्ता
संजय भट्ट…
देहरादून। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैं चौकीदार हूँ और राफेल मामले पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार किया “चौकीदार चोर है”। तब भारतीय जनता पार्टी के हर मंत्री नेता कार्यकर्ता ने ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल साइट पर अपने नाम के आगे लिख डाला “मैं भी चौकीदार”।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि “मेक इन इंडिया” नहीं “रेप इन इंडिया” तो भाजपा नेत्री व महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से माफी मांगने के लिए कहा। बता दें कि, इससे पहले नरेंद्र मोदी दिल्ली को “रेप केपिटल” बोल चुके हैं। वहीं भारत मे लगातार बढ़ते ब्लात्कार व बीजेपी के नेता, विधायक, पूर्व मंत्री ब्लात्कार मामलों में लगातार फंसते आ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के द्वारा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने के सवाल पर राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित “भारत बचाओ रैली” में बीजेपी और आरएसएस नेता सावरकर पर तंज कसते हुवे कहा कि, मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं राहुल गांधी है। मैं माफी नहीं मांगूंगा।
बता दें कि, प्रकाशन विभाग से साल 1975 में प्रकाशित आरसी मजूमदार की किताब ‘पीनल सेटलमेंट्स इन द अंडमान्स’ के मुताबिक साल 1911 में जब सावरकर को क्रांतिकारी गतिविधियों के चलते कालेपानी की सजा सुनाई गई थी और अंडमान-निकोबार के सेलुलर जेल में भेजा गया था, तब सावरकर ने सजा शुरू होने के कुछ महीने बाद ही अंग्रेजी हुकूमत से रिहाई की गुहार लगाई थी।
शुरू में सावरकर ने 1911 में अंग्रेजी सरकार को चिट्ठी लिखी, बाद में सावरकर ने जेल सुप्रीटेंडेंट के जरिए 1913 और 1921 में याचिका दाखिल की थी। अपनी याचिका में सावरकर ने साफ तौर पर लिखा था कि, मुझे रिहा कर दिया गया तो मैं भारत की आजादी की लड़ाई छोड़ दूंगा और उपनिवेशवादी सरकार (अंग्रेजी हुकूमत) के प्रति वफादार रहूंगा।
तो अब क्या भाजपा मंत्रियों, नेताओं, कार्यकर्ताओं में #मैं_भी_सावरकर लिखने की हिम्मत है।