बिग ब्रेकिंग: सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रकरण में उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रकरण में उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट पर असंतोष जताया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, तो उच्च न्यायालयों को उसमें हस्तक्षेप से बचना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 15 अक्टूबर को दिए आदेश में कहा, “निसंदेह हाईकोर्ट एक संवैधानिक न्यायालय है, किंतु जब कोई मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हो, तो उच्च न्यायालय से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने हाथ पीछे खींच ले।”

मामला कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई जांच जारी है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही राज्य सरकार से अभियोजन अनुमति (Sanction Order) में देरी पर सवाल उठा चुका है।

बाद में राज्य सरकार ने 16 सितंबर को एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दी थी, लेकिन उस अधिकारी राहुल (IFS), मुख्य वन संरक्षक (आईटी)  ने इस अनुमति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर को मंजूरी आदेश पर रोक लगा दी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब शीर्ष अदालत इस मामले की निगरानी कर रही है, तो ऐसी कार्रवाई उचित नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट में लंबित मामला वापस लेकर सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही, हाईकोर्ट का 14 अक्टूबर का आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगा।

पीठ ने संबंधित अधिकारी राहुल को 11 नवंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं और पूछा है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इस पूरे प्रकरण की निगरानी स्वयं कर रहा है और समय-समय पर उत्तराखंड सरकार से रिपोर्ट तलब करता रहा है, ताकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।