SGRRU में कृत्रिम बुद्धि का शैक्षणिक शोध में योगदान विषय पर सम्मेलन आयोजित
- देश दुनिया की प्रगति में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सबसे प्रगतिशील टूल
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (SGRRU) के काॅलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। कृत्रिम बुद्धि का शैक्षणिक शोध में योगदान विषय पर आयोजित सम्मेलन में विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा की।
सम्मेलन का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस का उपयोग का शैक्षणिक शोध में योगदान की उपयोगिता को प्रकाशित एवम अन्वेषित करना रहा। SGRRU काॅलेज ऑफ नर्सिंग एवं ड्रीम्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ नर्सिंग, कटक, उड़ीसा के बीच MOU साइन हुआ।
MOU के अन्तर्गत छात्र-छात्रओं को एक दूसरे के संस्थानों में शैक्षणिक शोध, स्टुडेंट एवं फेकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम का लाभ मिलेगा।
मंगलवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हैल्थ साइंसेज़ के सभागार में सम्मेलन के पहले दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथि डाॅ पंकज मिश्रा, विशिष्ट अतिथि डाॅ आर.पी.सिंह, नर्सिंग काॅलेज की डीन डाॅ जी.रामालक्ष्मी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
नर्सिंग छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। डाॅ जी.रामालक्ष्मी ने स्वागत भाषण पढ़ा। उन्होंने कृत्रिम बुद्धि का शैक्षणिक शोध में योगदान विषय को रेखांकित करते हुए महत्वपूर्णं जानकारियां सांझा की।
नूतन काॅलेज ऑफ नर्सिंग, विषनगर गुजरात के प्राचार्य एप्लीकेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन एकेडमिक रिसर्च विषय पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जाॅन मैकर्थी ने पहली बार 1956 में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया था। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आज के समय की मांग है। छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए मानसिक रूप से सुदृढ बनाए जाने की आवश्यता है।
रूफेडा काॅलेज ऑफ नर्सिंग, जामिया हमदर्द की असिस्टैंट प्रोफेसर मिस सोमी बाला थोकचोम ने आर्टिफिशियल इंटीलेंस एज़ टूल फाॅर एकेडमिक रिसर्च पर जानकारयां सांझा की। उन्होंने कहा कि एकेडमिक रिसर्च में चार तरह के आर्टिफिशियल इंटीलेंस टूल्स होते हैं। उन्होने कहा कि एकेडमिक रिसर्च की माॅर्डन आवश्यकता के अनुसार इन टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
काॅलेज ऑफ नर्सिंग, ऋषिकेश की विषय विशेषज्ञ टी.कान्गालक्ष्मी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के वैज्ञानिक और व्यावहारिक पक्ष का तुलनात्मक अध्ययन समझाया। उन्होंने रिसर्च रैबिट, कनेक्टेड पेपर्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एम आई की तीव्र प्रगति के बारे में कई लोग बेहद निराशावादी हैं। ऐसे लोगों को दुनिया में होे रही तेज प्रगति को देखना समझना होगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की उपयोगिता और महत्व को आत्मसात करना होगा।
ड्रीम्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ नर्सिंग, उड़ीसा के प्रोफसर सतीश राजामनी ने आटिफिशियल इंटेलीजेंस के शैक्षणिक शोध में चुनौतियां एवं नैतिक विचार विषय पर जानकारी दी।
सीएस काॅलेज ऑफ नर्सिंक तमिलनाडू की प्रचार्य एम.पोपसेल्वी ने शैक्षणिक शोध में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के भविष्य विषय पर प्रकाश डाला। एसजीआरआर काॅलेज ऑफ नर्सिंग की एसोसिएट प्रोफेसर पोन मारी ने धन्यवाद ज्ञापन पढ़ा।
इस अवसर पर प्रोफसर दिनेश्वरी, डाॅ सुमन विज, डाॅ मालविका सती कांडपाल, डाॅ बनकोटी डाॅ संजय शर्मा सहित नर्सिंग काॅलेज की फैकल्टी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।