दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में हुए हादसों के बाद उत्तराखंड सरकार सख्त। पढ़ें आदेश….
देहरादून। दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन बच्चों की मौत के मामले का संज्ञान लेकर उत्तराखंड सरकार ने कोचिंग सेंटर के लिए निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के आदेश के बाद इन पर कार्रवाई शुरू हो गई है।
अपर सचिव आवास अतर सिंह और एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी को नियमों का पालन न करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि एमडीडीए और पुलिस विभाग ने संयुक्त चैकिंग कार्रवाई शुरू कर दी है। नियमों का पालन न करने वाले कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की घटना के बाद तीन छात्र जिनमें दो लड़कियां और एक लड़का निकलने में असफल रहे, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। ऐसी घटना उत्तराखंड में ना हो इसके लिए कोचिंग सेंटर पर अभियान शुरू किया गया है।
आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के कोचिंग सेंटर में मानक अनुसार कार्य नहीं होने पर तत्काल कार्रवाई करें।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बेसमेंट में सुरक्षा उपाय तथा आपदा के समय निकासी जैसे अन्य आवश्यक कार्य न होने पर कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। डॉ अग्रवाल ने यह भी कहा कि जिनमें कार्रवाई की जा रही है उन पर शीघ्र कार्रवाई की प्रक्रिया को अमल में लाएं।
इस तरह की दुखद घटनाओं के प्रभावी रोकथाम हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित विभिन्न कोचिंग संस्थानों के सुरक्षा मापदण्डों की जाँच आवश्यक है। राज्य में संचालित समस्त कोचिंग संस्थानों की जनपदवार जाँच हेतु निम्नानुसार जाँच समिति का गठन किया जाता है।
1- उपाध्यक्ष, समस्त विकास प्राधिकरण, उत्तराखण्ड
अध्यक्ष ।
2- नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी –
सदस्य ।
3- जिला अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी
सदस्य ।
4- जिला अग्निशमन अधिकारी-
सदस्य ।
सदस्य ।
5- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक द्वारा नामित अधिकारी-
उपरोक्त जाँच समिति द्वारा निम्नलिखित बिन्दुओं के आलोक में विस्तृत जाँच करते हुए जाँच आख्या 02 सप्ताह के भीतर आवास विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी।
1- कोचिंग संस्थानों के विधिवत् निबन्धन की स्थिति।
2- सुरक्षा मानकों के अनुपालन की स्थिति।
3- भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अनुपालन की स्थिति।
4- फॉयर एग्जिट की व्यवस्था।
5- कोचिंग संस्थानों में प्रवेश एवं निकास की पर्याप्त व्यवस्था।
6- आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु पर्याप्त सुरक्षा उपायों की व्यवस्था ।