एक्सक्लूसिव वीडियो: नदी के तेज बहाव में फंसी यात्रियों से भरी बस, मची चीख पुकार। रेस्क्यू जारी

नदी के तेज बहाव में फंसी यात्रियों से भरी बस, मची चीख पुकार। रेस्क्यू जारी

इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। यूपी-उत्तराखंड बार्डर पर स्थित कोटावाली नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से पानी के तेज बहाव में रोडवेज बस फंस गई। इससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने क्रेन मंगवा कर राहत बचाव कार्य शुरु कर द‍िया है।

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यूपी-उत्तराखंड बार्डर पर स्थित कोटावाली नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से पानी के तेज बहाव में रोडवेज बस फंस गई। इससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने क्रेन मंगवाका राहत बचाव कार्य शुरु कर द‍िया है।

बारिश के बाद नदी में उफान आ गया, सभी लोग पानी के कम होने का इंतजार कर रहे है, तभी एक ड्राइवर जो 24 सवारियो के साथ नजीमाबाद से हरिद्वार जा रहा है से इंतजार नहीं हो पाया और वो 24 जिंदगियो को दाव में लगा नदी पार करने चल दिया।

पानी के तेज बहाव में बस भी बहने लगी और थोड़ी ही देर में बस से चीखों की आवाज आनी लगी, उसके बाद आनन फानन में मौके पर एक जेसीबी मशीन बुलानी पड़ी और लोगो को बस से निकालने का काम शुरू हुआ, खबर लिखे जाने तक एक महिला को बाहर निकाल लिया गया था और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

बिजनौर में कोटा वाली नदी के बीच तेज बहाव और पानी के बीच फंसी नजीबाबाद से हरिद्वार जा रही बस, बस में 24 से ज्यादा सवारियां मौजूद। नदी में बस फंसने के बाद यात्रियों में मची चीख पुकार, तेज बहाव और ज्यादा पानी के कारण बचाव कार्य में आ रही है दिक्कत जेसीबी के द्वारा पुल के ऊपर से सवारियों को रस्सी के सहारे निकालने का काम जारी है।

क्रेन की सहायता से बस को पानी में पलटने और बहने से रोका गया। बस रुपैडिया डिपो की है जो यात्रियों को लेकर हरिद्वार जा रही ह। वर्ष 2016 में पिलर बैठने से कोटावली नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।

तब से सभी प्रकार के वाहन पुल के नीचे स्थित रपटे से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करते हैं। भारी बरसात में इस नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे वाहन दूसरे रूट से निकाला जाता है।

इसके लिए चालकों को दस किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। इससे बचने के लिए चालक ने बस इसी रपटे के पानी में घुसा दी और कुछ दूर जाकर बस बंद हो गई। बस में कितनी सवारियां हैं अभी स्पष्ट नहीं हो पाया। दूसरी क्रेन की मदद से उन्हें एक एक कर बस से निकाला जा रहा है।