कांवड़ यात्रा 2023: 4 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू, कांवड़ियों को पहचान पत्र लाना जरूरी। जानें सभी नियम

कांवड़ यात्रा 2023: 4 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू, कांवड़ियों को पहचान पत्र लाना जरूरी। जानें सभी नियम

देहरादून। आगामी 4 जुलाई से सावन का पवित्र त्यौहार शुरू होने जा रहा है। यह महीना शिव भक्तों के लिए बड़ा ही विशेष होता है। इस दौरान भक्त शिवजी की पूजा–अर्चना और उपवास रखते हैं। वहीं कुछ कावड़ यात्री कावड़ लेने के लिए हरिद्वार की कावड़ यात्रा करते हैं।

लेकिन सरकार यात्रा के लिए कुछ नियम–कानून भी तय करती है। इस बार उत्तराखंड सरकार ने कावड़ियों के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य किया है। आपको बता दें कि, हरिद्वार में 4 से 15 जुलाई तक होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए उत्तराखंड के साथ पड़ोसी राज्य तैयारी में जुट गए हैं।

तय नियमों के मुताबिक कावड़ यात्रियों को बिना पहचान पत्र के उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं 15 फीट से ऊंची कावड़ लाने की भी अनुमति नहीं होगी। डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं है, हालांकि डीजे की आवाज को नियंत्रित रखना होगा।

दरअसल, शुक्रवार को देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पंजाब सहित अन्य एजेंसियों की समन्वय बैठक में यह निर्णय लिए गए हैं।

डीजीपी अशोक कुमार ने संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 4 करोड़ कावड़ियों के आने का अनुमान है। पुलिस ने कावड़ यात्रियों के लिए QR कोड जारी किया है।

इस QR कोड को मोबाइल पर स्कैन करने पर रूट डायवर्जन, पार्किंग खोया–पाया सेल सहित सभी जरूरी जानकारी हासिल की जा सकेगी।

DGP की अपील, हरिद्वार से न जाएं चारधाम यात्री

डीजीपी ने बताया कि, दिल्ली, मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ यात्रियों के लिए हाईवे की बायीं लेन आरक्षित की जाएगी।

साथ ही इस दौरान शिविर और भंडारे आदि हाईवे से 20 से 30 मीटर दूर लगाए जाएंगे।कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में जाम न लगे इसके लिए चारधाम यात्रियों से हरिद्वार से बचकर जाने की अपील की जाएगी।

इसके लिए विभिन्न जगहों पर यात्रियों को पुलिसकर्मी जागरूक करेंगे। जल्द ही रूट भी तैयार कर लिया जाएगा। डीजीपी अशोक कुमार ने सभी राज्यों से अपने-अपने क्षेत्रों में इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है।

डीजीपी ने बताया कि, दिल्ली, मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ यात्रियों के लिए हाईवे की बायीं लेन आरक्षित की जाएगी। साथ ही इस दौरान शिविर और भंडारे आदि हाईवे से 20 से 30 मीटर दूर लगाए जाएंगे।

पूरे यात्रा मार्ग पर एंबुलेंस और मेडिकल शिविर भी लगाए जाएंगे। हरिद्वार पुलिस ने यात्रियों के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था की है। जिस पर स्कैन करने के बाद उन्हें हरिद्वार क्षेत्र में पार्किंग, रूट और पुलिस सहायता आदि की जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही गंगा घाटों पर जल पुलिस की तैनाती भी की जाएगी।

कांवड़ यात्रा के दौरान राष्ट्र विरोधी तत्वों पर रहेगी पैनी नजर

कांवड़ यात्रा में सांप्रदायिक विवाद भी कई बार सामने आए हैं। इससे बचने के लिए यात्रा मार्ग और शिविरों में रहने वाले लोगों का सघन सत्यापन किया जाएगा। साथ ही राष्ट्र विरोधी तत्वों पर नजर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाने के लिए इसकी निगरानी भी की जाएगी।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि, आगामी सावन माह की अवधि के मद्देनजर कांवड़ यात्रा के समाप्त होने के बाद प्रत्येक सोमवार, सोमवती अमावस्या और मोहर्रम को देखते हुए भी वर्तमान प्रबंधों को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि, भविष्य में भी कोई समस्या न आए।