बड़ी खबर: पूर्व युवा कल्याण अधिकारी और वरिष्ठ सहायक को सात-सात साल की सश्रम कारावास। जुर्माना भी लगाया

पूर्व युवा कल्याण अधिकारी और वरिष्ठ सहायक को सात-सात साल की सश्रम कारावास। जुर्माना भी लगाया

बागेश्वर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बागेश्वर गुंजन सिंह कि अदालत ने पूर्व युवा कल्याण अधिकारी बागेश्वर जीवन लाल और वरिष्ठ सहायक चित्रा पांडे को सात-सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषीयों पर जुर्माना भी लगाया गया है।

अभियोजक पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मोहन राम का कहना है कि, वर्ष 2012-13 में बागेश्वर जिले के युवा कल्याण अधिकारी पद पर तैनात जीवन लाल और वरिष्ठ सहायक चित्रा पांडे पर विभाग में 09 पीआरडी जवानों को फर्जी तरीके से 02 लाख 35 हजार 980  रुपये का भुगतान करने का आरोप था।

09 पीआरडी जवानों को फर्जी तरीके से विभाग में नियुक्त किया गया था, फर्जी तरीके से भुगतान के मामले की जांच की मांग पूर्व पीआरडी जिला अध्यक्ष स्व० मनोज कुमार द्वारा उठाई गयी थी, तत्कालिक जिलाधिकारी बागेश्वर द्वारा मामले में जांच कृषि अधिकारी व अन्य अधिकारी द्वारा की गयी।

18 सितम्बर 2018 को शासन के आदेश के तहत वर्तमान युवा कल्याण अधिकारी बागेश्वर अर्जुन सिंह द्वारा अपने विभाग के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों पर FIR दर्ज की गयी थी।

तत्कालीन युवा कल्याण अधिकारी जीवन लाल और वरिष्ठ सहायक ने जिन 09 पीआरडी जवानों को फर्जी तरीके से भुगतान किया गया था, उनमें अनुज कुमार और अरूण पंत के खाते में आनलाईन भुगतान होने से मामला खुला।
इन दोनो पीआरडी जवानों को भी मामले में आरोपी बनाया गया और इनके खिलाफ 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया। वर्तमान में जीवन लाल सेवानिवृत्त हो गये है। जबकि वरिष्ठ सहायक चित्रा पांडे वर्तमान में देहरादून में तैनात है।