थराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बुरे हाल, प्रभारी नहीं संभाल पा रही अपना प्रभार। डगमगाई व्यवस्थाएं
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात्रि में डॉक्टरों की ड्यूटी तैनात तो की जाती है, लेकिन डॉक्टर हॉस्पिटल से गायब ही रहते हैं। उत्तराखंड में भले ही डॉक्टरों की तैनाती बढ़ा दी गई हो, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल बद से बदतर हो चला है।
एक ओर जहां स्वास्थ्य महानिदेशक अपना इलाज मैक्स हॉस्पिटल में करा रही हैं, तो वहीं आम जनता सरकारी हॉस्पिटलों के चक्कर काटते-काटते मायूस हो गयी हैं।क्योंकि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सरकारी हॉस्पिटलों में अच्छी नहीं है।
थराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। लेकिन रात्रि के समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं मिलता है, जिससे लोगों को इधर-उधर भागना पड़ता है। क्योंकि डॉक्टरों को उच्चाधिकारियों का कोई डर नहीं है।
रात्रि के समय डॉक्टर जिनकी ड्यूटी हॉस्पिटल में होती है, वह अपने कमरे में आराम की नींद ले रहे होते हैं और मरीजों के साथ आए लोगों को डॉक्टरों को बुलाने के लिए उनके कमरों तक जाना पड़ता है।
अब सवाल यह उठता है कि, 2 सालों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे मशीन खराब पड़ी है। अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। जिससे गर्भवती महिलाओं को लंबी दूरी तय कर अन्य हॉस्पिटलों का रुख करना पड़ता है।
वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉक्टर पूनम टम्टा है। लेकिन वह डॉक्टरों की ड्यूटी रात्रि में नहीं लगा पा रही है। जिन डाक्टरों की ड्यूटी रात्रि में होती हैं, वह अपने कमरों में चले जाते हैं।
इससे साफ जाहिर होता है कि, प्रभारी अपना प्रभार अच्छी तरह नहीं निभा पा रही है। सूत्रों की माने तो प्रभारी पूनम टम्टा मरीजो के साथ आये लोगो का फोन तक रिसीव नहीं करती हैं, जिससे मरीजों के साथ आये परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस संबंध में प्रभारी C.M.O राजीव शर्मा से जानकारी लेने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।