खुलासा: पशुपालन विभाग के गड़बड़झाले में मजिस्ट्रेट जांच के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही

पशुपालन विभाग के गड़बड़झाले में मजिस्ट्रेट जांच के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही

रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। नारायणबगड के अन्तर्गत पशुपालन विभाग में गरीब कास्तकरों को दी गई योजनाओं में अनियमितता को लेकर मजिस्ट्रेटी जांच होने के एक साल बाद भी कार्यवाही नहीं हो पाई है।

RTI के तहत प्राप्त जानकारी में सूचनादाता ने लिखित रूप से जह जानकारी दी है कि, पत्रावली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जो यह भी दर्शाता है कि, पशुपालन विभाग नारायण बगड़ से सम्बधित उक्त मजिस्ट्रेट जांच की रिर्पोट जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत ही नहीं की गई।

RTI कार्यकर्ता मंगल सिंह द्वारा आरटीआई के तहत मुख्य पशुचिकित्साधिकारी गोपेश्वर से वर्ष 2015 से वर्तमान तक विकास खण्ड नारायण बगड के पशुपालन विभाग द्वारा गरिब कास्तकारों को दी जाने वाली योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी मांगी गई थी, जिसमें अनियमिता को लेकर उनके द्वारा जिलाधिकारी चमोली से दिनांक 20/06/2020 को मजिस्ट्रेट जांच की मांग की गई।

जिस पर जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा पत्रांक संख्या 9273/उन्चालिस-एम0बी0- (2019-20) दिनॉक 30सितम्बर 2020 को उपजिलाधिकारी थराली को मजिस्ट्रेट जांच हेतु प्रेषित की।

जिस पर तत्कालिन नायब तहसीलदार नारायण बगड़ द्वारा जांच कर पत्रांक संख्या 164/ना०ना०-विधिक जॉच(20220-21) दिनांक 20जुलाई 2021 व संख्या 171/ना०ना० विधिक जनकजी (20220-21) दिनांक 22जुलाई 2021 को जिलाधिकारी कार्यालय को प्रेषित की गई।

उपरोक्त सम्बन्ध में हुई कार्यवाही के बारे में मंगल सिंह द्वारा सूचनाधिकार से जानकारी चाही गई तो सूचनादाता ने लिखित रूप से यह जानकारी दी है कि, पत्रावली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिसकी खोज बीन जारी है।

सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह ने कहा कि, मजिस्ट्रेट जांच सम्बन्धी महत्वपूर्ण दस्तावेज पटल पर न होना व ना मिलना तथा उपरोक्त जांच आख्या जिलाधिकारी तक न पहुंचने देना गम्भीर लापरवाही है, जो कि, जांच का विषय है।

वही कास्तकार प्रकाश लाल ने कहा कि, विगत कई समय से नारायण बगड पशुपालन विभाग में भारी अनियमिता बरती जा रही है, जो गरिब कास्तकार है उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं मुर्गी जाली, मुर्गी दाना, कास्तकारों तक पहुंचने से पहले बेच दिया जाता है।