जंगलों में लगी आग, लाखों की वन संपदा जलकर खाक। वन महकमा मीटिंग में व्यस्त
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। पिछले तीन दिनों से बद्रीनाथ वन प्रभाग के अंतर्गत मध्य पिंडर रेंज थराली के बड़े-बड़े जंगल धू-धू कर जल रहें हैं और वन विभाग के उच्चाधिकारी जंगलों को दवानल से बचाने की कवायद के तहत क्षेत्रीय वन अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सरपंचों के साथ जिला मुख्यालय, मंडल मुख्यालय एवं राजधानी में बैठको में मशगूल हैं।
ऐसे में जंगलों में फैली दवानल को कैसे रोका जाएगा कह पाना मुश्किल है। दरअसल, मध्य पिंडर रेंज थराली के अंतर्गत पिंडर पार के कोटडीप, कुराड़, खूनी, पार्था, सबगड़ा, ढुगाखोली, सुनाऊं आदि गांवों के आस-पास के जंगल पिछले शुक्रवार से बुरी तरह से सुलग रहें हैं। जोकि अभी तक भी सुलग रहे हैं।
इस दौरान लाखों रुपयों की वनसंपदा के साथ ही वन्य जीवों को नुक्सान पहुंच चुका हैं। जंगलों के जलने के कारण उससे उठते धूवें के कारण पूरे क्षेत्र में गहरी धुंध छा गई हैं, जिससे लोगों को सांस लेने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर मध्य पिंडर रेंज थराली के वन क्षेत्राधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि, वें पौड़ी में चीफ वन के द्वारा जंगलों को आग से बुझाने की बैठक में सम्लित होने गए हुए हैं।
हालांकि उन्होंने माना कि, पिछले तीन दिनों से वन क्षेत्र के जंगलों में दवानल फैली हुई हैं। कहा कि, इसे नियंत्रित करने के लिए वन कर्मियों, फायर वाचरो के साथ ही ग्रामीण जुटे हुए हैं। बताया कि, शुक्रवार को फैली आग को उसी दिन नियंत्रित कर लिया गया था। उसके बाद शनिवार को भी दवानल पर नियंत्रण पा लिया गया था, किन्तु रविवार को पुनः दवानल के फैल जाने के बाद उसे भी नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं।
बताया कि, सर्वे ऑफ इंडिया से सेटेलाइट से ली गई तस्वीर के बाद दवानल का प्रति दिन 11 बजे दोपहर एवं सांय 4 बजें अलर्ट जारी किया जाता है। किन्तु पिछले दो दिनों से उसके द्वारा किसी भी तरह का अलर्ट जारी नही किया गया हैं।
इस संबंध में अलकनंदा वन भूमि संरक्षण रेंज थराली के रेंजर रविंद्र निराला ने बताया कि, गर्मी अधिक होने के कारण दवाग्नि के नियंत्रण में काफी दिक्कतें सामने आ रही हैं। बावजूद इसके काफी हदतक दवानल पर नियंत्रण पाया जा चुका हैं।
इधर वन विभाग के सूत्रों के अनुसार रेंजर के अलावा इस रेंज के साथ ही पूरे जिले के कुछ वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ ही कई वन पंचायतों के सरपंचों को बैठकों के नाम पर देहरादून बुलाया गया हैं। जिसका सीधा प्रभाव दवानल को नियंत्रित करने पर पड़ रहा हैं। जिस तरह से पिछले डेढ़ सप्ताह से अधिक समय से अन्य क्षेत्रों की तरह ही पिंडर क्षेत्र में भी भीषण गर्मी पड़ रही हैं और लगातार एक के बाद एक जंगलों में दवाग्नी फैल रही हैं, और वन विभाग के आलाधिकारी जंगलों को आग पर तत्काल नियंत्रण पाने के बजाय अब दवानल को नियंत्रित करने के उपायों पर मंथन करना हास्यपद लग रहा हैं।
माना जा रहा हैं कि, जब अभी जंगलों को दवानल से बचाने पर मंथन ही चल रहा हैं, तों कब उसे धरातल पर उतारा जाएगा, स्वत: अनुमान लगाया जा सकता हैं।