विद्यालय में अनुसूचित जाति की भोजन माता का विरोध। बच्चों ने खाना छोड़ा
राजकीय इंटर कॉलेज (राइंका) सूखीढांग में अनुसूचित जाति (एससी) की भोजन माता की नियुक्ति से बखेड़ा हो गया है। विद्यालय प्रबंधन समिति और पीटीए से चयनित भोजन माता को हटाकर एससी वर्ग की भोजनमाता की नियुक्ति से विद्यालय प्रबंधन समिति और अभिभावक आमने-सामने आ गए हैं।
अधिकतर बच्चों ने खाना छोड़ दिया
वहीं एससी वर्ग की भोजन माता के हाथों बने भोजन को अधिकतर बच्चों ने खाना छोड़ दिया है। मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया है। प्रधानाचार्य, प्रबंधन समिति, पीटीए एक-दूसरे पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगा रहे हैं।
जीआईसी सूखीढांग में पूर्व में तैनात भोजन माता कार्यकाल पूरा होने की वजह से हट गई है। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने नई भोजन माता की नियुक्ति के लिए पिछले माह विज्ञप्ति निकाली थी। भोजन माता के लिए 10 महिलाओं ने आवेदन किया था।
बताया गया कि, 25 नवंबर को विद्यालय प्रबंध समिति और पीटीए ने प्रधानाचार्य और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में अधिकतर आवेदक महिलाओं की सहमति पर परित्यक्ता पुष्पा भट्ट को भोजन माता चुन लिया था।
इसकी सूचना विभाग के अधिकारियों को भी भेज दी गई थी। अचानक एससी वर्ग की दूसरी महिला को भोजन माता बना दिया गया। इससे विवाद की स्थिति पैदा हो गई। बताया गया कि, एससी वर्ग की भोजनमाता के हाथों बने खाने को अधिकतर बच्चों ने खाना छोड़ दिया है।