दुकानदारों की मौज पर खाद्य विभाग की रोक। एक दर्जन से अधिक दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज
त्यौहारी सीजन को देखते हुए मिलावटखोरों की मनमानी भी तेज हो गई है। ग्राहकों को मिलावटी या खराब सामान के उपभोग करने से कई बार जान भी जोखिम में डालनी पड़ती है। गत दिवस हरिद्वार और ऋषिकेश में कुट्टू का आटा खाने के बाद करीब 70 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ गया था।
इस मामले को ध्यान में रखते हुए खाद्य नमूने जांच में फेल पाए जाने पर दून के बीस दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। यही नहीं सख्त हिदायत भी दी गई है कि, यदि किसी भी व्यापारी के पास कुट्टू का खराब आटा पाया जाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
मिलावटखोरों की लगातार आ रही शिकायतों के बाद आज तक कुट्टू के आटे के चार नमूने लैब में परीक्षण करने के लिए भेजे गए थे। जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम देहरादून क्षेत्र से सात, देहरादून ग्रामीण क्षेत्र एवं मसूरी क्षेत्र में पांच, ऋषिकेश निगम क्षेत्र में तीन और विकासनगर क्षेत्र में पांच दुकानदारों पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।
जांच में सर्वाधिक नमूने दूध से बने उत्पाद वाले फेल पाए गए। उन्होंने बताया कि, कुट्टू का आटा खराब होने की शिकायतें भी आई हैं। दुकानदार नवरात्र खत्म होने के बाद अगले नवरात्रों तक बचे हुए कुट्टू के आटे को रखते हैं, जबकि यह आटा एक माह तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम लगातार बाजारों पर नजर रखे हुए हैं। यदि किसी भी दुकानदार के पास खराब कुट्टू का आटा पाया जाता है तो ऐसे व्यापारियों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
बताते चलें कि, गत दिवस हरिद्वार, रुड़की व ऋषिकेश क्षेत्र में कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी-पकौड़ी खाने से करीब 70 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। उन्हें उल्टी, दस्त, सिर दर्द, पेट दर्द व चक्कर आने की समस्या आई थी। इन सभी लोगों को ऋषिकेश, हरिद्वार व रुड़की के अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।
जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार है। इस घटना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद जागी और विभिन्न स्थानों से खाद्य नमूने जांच के लिए रुद्रपुर लैब में भेजे।