एसीपी मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित। धैर्य बरतें पुलिसकर्मी

एसीपी मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित। धैर्य बरतें पुलिसकर्मी

सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में की गई है कमेटी गठित
– महामारी खत्म होने के बाद मोर्चा शासन पर बनाएगा दबाव
– जरूरत पड़ी तो मोर्चा के साथी जेल जाने को तैयार

विकासनगर। सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों के एसीपी विसंगति मामले में मई 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें सदस्य गणों में अपर मुख्य सचिव, कार्मिक, सचिव, मा. मुख्यमंत्री, वित्त व पुलिस महानिदेशक को नामित कर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

गुरुवार को जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने चिंता जताते हुए कहा कि, पुलिस कर्मियों द्वारा इस महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर जिस तरह से साहस का परिचय दिया जा रहा है, बहुत ही सराहनीय है तथा पुलिस कर्मियों को इस समय सिर्फ और सिर्फ और अधिक मेहनत कर जनमानस व सरकार का दिल जीतने की कोशिश करनी चाहिए।

संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपीएस) 2017 के आधार पर 10-20-30 वर्ष की संतोषजनक सेवा के आधार पर प्रोन्नयन व्यवस्था की गई है, जिसके आधार पर 2400-2800- 4200 ग्रेड पे फिक्स किया गया है , इसमें 4200 के स्थान पर 4600 संशोधित किया गया।

नेगी ने कहा कि, पुलिस विभाग में 2800 ग्रेड पे यानी सहायक उप निरीक्षक का पद सृजित न होने के कारण अगले पद पर यानी उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नयन किया जाना चाहिए, जिसका ग्रेड पे 4200 (अब 4600) सुनिश्चित है। वित्त विभाग ने भी दिनांक 04/05/2018 को इस मामले को परिभाषित किया है। इसके साथ-साथ पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय द्वारा भी वर्ष 2013 में प्रमुख सचिव, गृह को प्रेषित पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया है।

वित्त विभाग ने कहा कि, “जहां संवर्ग के ढांचे में पदोन्नति के पद उपलब्ध नहीं हैं वहां धारित वेतनमान से अगला वेतनमान एसीपी के रूप में देय होगा” यानी उप निरीक्षक का ग्रेड पे मिलेगा।

मोर्चा ने पुलिसकर्मियों से इस महामारी में धैर्य से काम लेने की अपील की तथा भरोसा दिलवाया कि, मोर्चा महामारी समाप्त होने के बाद पुलिसकर्मियों को उनका हक दिलाने के लिए शासन पर दबाव डालेगा। इसके लिए चाहे हमें जेल ही क्यों न जाना पड़े।