कुंभ समापन की घोषणा के बाद वापस रवाना हुए अखाड़ों के साधु-संत

कुंभ समापन की घोषणा के बाद वापस रवाना हुए अखाड़ों के साधु-संत

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कोरोना का प्रकोप पूरे देश में बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ का संन्यासी अखाड़ों द्वारा समापन किया गया है। जिससे धर्म नगरी हरिद्वार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके। निरंजनी, आनंद, जूना, आवाहन, अग्नि और किन्नर अखाड़े द्वारा अपने-अपने देवी देवताओं का विसर्जन किया गया और कुंभ के समापन की घोषणा की गई है। सन्यासी अखाड़ों द्वारा अब कुंभ का अगला शाही स्नान प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाएगा। इन अखाड़ों के साधु-संत अब अपने-अपने निवास स्थान के लिए रवाना होने लग गए हैं।

कुंभ के समापन की घोषणा करने के बाद सभी संन्यासी अखाड़ों के साधु संत हरिद्वार से रवाना होने शुरू हो गए हैं। अग्नि अखाड़े के श्री महंत साधनानंद का कहना है कि, कुंभ मेला सभी के अंतर्मन में स्थापित है और काफी अच्छे तरीके से 2021 के कुंभ मेले को मनाया गया। मगर कोरोना के कारण अधिक लोग कुंभ में ना आ जाए जिससे जानमल की क्षति हो। इसी को देखते हुए संन्यासी अखाड़ों द्वारा विचार करके निर्णय लिया गया कि, कम संख्या में साधु संत यहां पर रहे और प्रतीकात्मक रूप से कुंभ मेले को मनाए। हमारे द्वारा अपने इष्ट गायत्री का पूजन पाठ नित्य किया जाएगा और हमारी धर्म ध्वजा कुंभ मेले तक स्थापित रहेगी। मगर हमारे द्वारा प्रतीकात्मक रूप से कुंभ को मनाया जाएगा। ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं की जाएगी, कोरोना को देखते हुए कई अखाड़ों ने कुंभ के समापन की घोषणा कर दी है। इनका कहना है कि, कुंभ के समापन की घोषणा के बाद कई अखाड़ों के साधु संत रवाना हो गए हैं और कुछ साधु रवाना होने की तैयारी कर रहे हैं। हम मां गंगा से प्रार्थना करते हैं कि, सभी को सुखी रखे और हम चाहते हैं, सभी लोग स्वस्थ रहे। यही हमारे कुंभ का उद्देश्य है।

बता दें कि, कुंभ मेले में लगातार कोरोना का विस्फोट हो रहा था। कई साधु संत भी कोरोना पॉजिटिव हुए थे, इसी को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साधु-सतों से अपील की गई थी। कुंभ को प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाए। प्रधानमंत्री की अपील के बाद संन्यासी अखाड़ों द्वारा कुंभ के समापन की घोषणा की गई। अब इन सभी अखाड़ों के सन्यासी अपने-अपने निवास स्थान के लिए रवाना होने भी शुरू हो गए हैं। 27 अप्रैल को कुंभ का आखरी शाही स्नान इन अखाड़ों के कुछ सन्यासी ही करेंगे।