फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर हासिल किया ठेका। शासन ने दोबारा दिए जांच के आदेश
– मुख्य सचिव के निर्देश पर पूर्व में हुई थी जांच
– जांच में मुख्य अभियंता, यूआरआरडीए ने भ्रष्ट ठेकेदार को दे दी थी क्लीन चिट
विकासनगर। डाकपत्थर, देहरादून निवासी (वर्तमान में देहरादून) पराग जैन नामक ठेकेदार ने उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (यूआरआरडीए)में सांठ-गांठ कर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र यानी कूट रचित दस्तावेज के आधार पर माह दिसंबर 2016 को 4.14 करोड़ का ठेका/टेंडर हासिल कर लिया। उक्त मामले में जनसंघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, उक्त ठेकेदार द्वारा टेंडर हासिल करने के लिए यूजेवीएनएल द्वारा दिनांक 22/06/16 को जारी अनुभव प्रमाण पत्र में बड़ी चालाकी से हेरफेर कर उसमें कार्य का नाम उक्त टेंडर की शर्तों के मुताबिक बनाकर ठेका हासिल किया गया था।
हैरानी की बात यह है कि, उक्त प्रमाण पत्र पशुलोक बैराज, ऋषिकेश, यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता द्वारा जारी किया गया था, जिसको ठेकेदार द्वारा छेड़छाड़ कर यह जालसाजी की गई थी। उक्त फर्जीवाड़े को लेकर मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्य सचिव से जांच का आग्रह किया था, जिस के क्रम में मुख्य अभियंता, यूआरआरडीए ने ठेकेदार से मिलीभगत कर क्लीन चिट दे दी। उक्त मामले से नाराज होकर मोर्चा अध्यक्ष नेगी द्वारा अपर मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास विभाग से पुनः जांच का आग्रह किया था, जिस के क्रम में शासन ने मार्च 2021 को मुख्य अभियंता को फिर से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, यानि जांच फिर से गतिमान हो गई है।
मोर्चा भ्रष्ट अधिकारियों एवं उनके गिरोह में शामिल जालसाजों को मिटाकर ही दम लेगा।