साइना के जज्बे को सलाम। समाज के तानों की परवाह किए बगैर की मिसाल कायम

साइना के जज्बे को सलाम। समाज के तानों की परवाह किए बगैर की मिसाल कायम

रिपोर्ट- सलमान मलिक
रुड़की। मातृशक्ति की मिसाल और महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदाहरण पानीपत की साइना जो इन दिनों रुड़की में ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पाल रही है। पति के देहांत के बाद साइना ने बच्चों को अच्छी परवरिश देने के लिए रिक्शा चलाना शुरू किया, तो लोगो ने मजाक भी बनाई। लेकिन साइना के कदम नही डगमगाए और करीब 9 सालों के लंबे सफर को साइना ने रिक्शा चलाकर पार किया। साइना मूल रूप से पानीपत की रहने वाली है और हाल ही में रुड़की के पिरान कलियर में रहती है। साइना की दो बेटी और एक बेटा है, जिन्हें साइना रिक्शा चलाकर अच्छी परवरिश के साथ-साथ बेहतर तालीम भी दे रही है। छोटी बेटी 10 वी कक्षा में पढ़ती है जबकि दो बच्चे इंटर कर रहे है। साइना के इस जज़्बे को हर कोई सलाम करता है।

अमूमन आपने रिक्शा चलाते हुए लोगो को देखा होगा लेकिन रुड़की की सड़को पर एक महिला बेझिझक ई-रिक्शा चलाती हुई दिखाई देती है। जिसका नाम साइना है जो पति की मौत के बाद बच्चों की परवरिश के लिए रिक्शा लेकर सड़को पर निकल पड़ी। साइना पूरे दिन रिक्शा चलाती है और सवारियों को उनकी मंजिल तक पहुँचाती है। हालांकि साइना की मंजिल उसे अभी भी नही मिली। इस सफर में कई तरह की दिक्कतों का सामना करते हुए साइना तमाम तरह की आलोचनाओं को दरकिनार कर परिवार का भरणपोषण कर रही है।

मूल रूप से पानीपत निवासी साइना पिछले कुछ महीनों से पिरान कलियर में रह रही है। साइना के तीन बच्चे है जिनमें दो बेटी और एक बेटा जो अभी पढ़ाई कर रहे है। साइना बताती है कि, वह पहले कई सालों से पानीपत में रिक्शा चलाती थी लेकिन वहां गुजारा नही हो पाया तो वह कलियर आ बसी और अब यहां ई रिक्शा चलाती है। उन्होंने बताया पति के देहांत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी तो उन्होंने काम करने का बीड़ा उठाया और रिक्शा चलाने लगी। उन्होंने बताया रिक्शा चलाने के दौरान कुछ लोग उनकी मज़ाक भी बनाते है, लेकिन वह सब कुछ दरकिनार कर अपने परिवार के लिए रोज ई-रिक्शा लेकर रूड़की की सड़कों पर निकलती है। उन्होंने बताया रिक्शा चलाकर वह बच्चो का पेट पाल रही है साथ ही बच्चो को अच्छी तालीम भी दे रही है।

इस मंहगाई के दौर में जब सहारा ना हो तो यक़ीनन जिंदगी पहाड़ जैसी हो जाती है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला रुड़की की सड़कों पर। ई रिक्शा चलाती महिला ने जब अपनी आप बीती बताई तो उसके आंसू छलक उठे। साइना बताती है कि, पति के गुजर जाने के बाद उनकी हिम्मत नही टूटी उन्होंने बच्चो की परवरिश के लिए रिक्शा चलाना शुरू किया। इस दौरान कुछ लोगो ने उनकी मजाक भी बनाई लेकिन वह नही रुकी और निरंतर काम करती रही। आज साइना की छोटी बेटी 10 वी कक्षा में पढ़ती है, जबकि दो बच्चें इंटर कर रहे है। साइना के इस जज्बे को सलाम है।