अपडेट: कुंभ कार्यो को लेकर संतो की शरण में पहुंचे हरीश रावत। सरकार पर लगाये कई आरोप

कुंभ कार्यो को लेकर संतो की शरण में पहुंचे हरीश रावत। सरकार पर लगाये कई आरोप

– संतो ने की सरकार और मेला प्रशासन की तारीफ

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज अपने हरिद्वार दौरे पर रहे, अपने दौरे पर हरिद्वार पहुंचे हरीश रावत ने सबसे पहले हर की पौड़ी पहुंचकर मां गंगा में स्नान किया और मां गंगा में दुग्ध अभिषेक कर विधिवत मां गंगा की पूजा अर्चना की। तत्पश्चात हरीश रावत हरिद्वार स्थित विभिन्न अखाड़ो में पहुंचे और वहां पर मौजूद अखाड़े के साधु संतों से मुलाकात की और साधु संतों को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। हरिद्वार भ्रमण पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ उनकी पुत्री अनुपमा रावत भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे। वही इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर कुम्भ मेले की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की और भाजपा सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला।

हरिद्वार दौरे पर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि, मैं पहले से कहता आ रहा हूं कि, केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों कुंभ मेले की उपेक्षा कर रही हैं। इस बार कुंभ मेले के दौरान स्थाई प्रकृति के लगभग कार्य हुए ही नहीं हैं। लक्सर से लेकर देवप्रयाग तक का क्षेत्र स्थाई कार्यों से वंचित है। हमारे कार्यकाल में बनाए हुए कार्यों पर ही सरकार ने रंग रोगन करा दिया है। मेले को लेकर हरिद्वार वासियों को बहुत अपेक्षा थी, हम भी यह मानकर चल रहे थे कि, केंद्र सरकार मेले के आयोजन को लेकर भारी भरकम बजट देगी, लेकिन केंद्र सरकार ने बजट ही नहीं दिया है। जिसके चलते राज्य सरकार ने भी कोई कार्य नहीं किया है।

वही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का यह भी कहना है कि, केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने मिलकर कुंभ मेले की उपेक्षा की है। राज्य सरकार ने तो मेले की अवधि और पर्वों को भी कम कर दिया है। दोनों सरकार मेले को मात्र औपचारिकता बना देना चाहती हैं। जिसको लेकर आज मैं अपना दर्द बयां करने आया हूं। मैंने गंगा में स्नान करके अपनी व्यथा मां गंगा और देवी-देवताओं को सौंप दी है। सरकार द्वारा कुम्भ की अवधि घटा दी गई है। कुम्भ मेले के आयोजन के लिए सरकारों ने कोई योजना नही बनाई गई है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी दूसरे अन्य राज्यो में क्यो नही आया है, केवल हरिद्वार के लिए एसओपी जारी किया गया है। एसओपी के साथ भी कुम्भ मेले का आयोजन बड़े स्तर पर हो सकता है। वही हरीश रावत ने विभिन्न अखाड़ों में जाकर साधु संतों से मुलाकात की और यह भी कहा कि, हरिद्वार के साधु संत कुम्भ मेले की उपेक्षा को लेकर मेरी पीड़ा जानते है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सक्रियता दिखाने में देर कर दी है। वही इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कुम्भ मेले के सफल आयोजन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को सलाह देते भी नज़र आये।

धर्मनगरी हरिद्वार स्थित जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, श्री दक्षिण काली मंदिर, बड़ा अखाड़ा उदासीन आदि अखाड़ो में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पहुंचकर संतो को प्रणाम किया और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान अखाड़ो में मौजूद संतो ने कहा कि, आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमसे मुलाकात करने आये है और उन्होंने हमसे आशीर्वाद लिया है। मुलाकात के दौरान आगामी हरिद्वार कुम्भ मेले के आयोजन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से कोई चर्चा नही हुई है। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों का प्रोत्साहन करते नज़र आए।