राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह अभियान की हुई शुरुआत। चंपत राय ने किया गंगा पूजन

राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह अभियान की हुई शुरुआत। चंपत राय ने किया गंगा पूजन

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने हर की पौड़ी पहुंच कर मां गंगा का पूजन किया और राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण धन संग्रह अभियान की शुरुआत की। गंगा पूजन के बाद चंपत राय ने हर की पौड़ी पर एक जनसभा को भी संबोधित किया जिसमें विश्व हिंदू परिषद और संघ के कार्यकर्ताओं के साथ साधु संत भी मौजूद रहे।

चंपत राय ने कहा कि, मां गंगा के तट पर आज उन्होंने मां की पूजा करके मां का आशीर्वाद प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि, हमारे कार्यकर्ता समर्पण धन संग्रह के लिए लोगों के घर-घर जाएंगे और लोगों से मिलेंगे। भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण में लोगों के समर्पण को ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि, यह इच्छिक समर्पण है, सभी लोगों को एक कूपन दिया जाएगा। कूपन 10रु, 100रु और एक हजार रुपये का होगा। यह अभियान 42 दिन तक चलेगा। कल मकर सक्रांति के दिन से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान के दौरान लाखों कार्यकर्ता प्रतिदिन अपने क्षेत्रों में घूमेंगे।

उन्होंने कहा कि, घर जाने का मतलब यह नहीं है कि, राम मंदिर निर्माण में पैसा नहीं आ रहा है। सब लोग अयोध्या नहीं जा सकते हैं और घर जाने से व्यक्ति का आदर बढ़ता है। इसके साथ ही यह भी पता लगता है कि, कितने लोग भगवान श्री राम मंदिर निर्माण में अपना समय देते हैं। हम ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि, वह समय का दान करें धन संग्रह करने की कोई बात नहीं है।

इस मौके पर प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के श्री महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि, अयोध्या में भगवान श्री राम जन्म भूमि में भव्य मंदिर बने यह करोड़ों हिंदुओं की इच्छा थी, जो अब पूरी होने जा रही है। देश के करोड़ों हिंदू बहुत उत्साहित हैं। जिससे प्रतीत होता है कि, अयोध्या में विश्व का सबसे दिव्य और सुंदर राम मंदिर बनने जा रहा है।

बता दें कि, राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण धन संग्रह अभियान की शुरुआत श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने हरिद्वार मां गंगा का पूजन करके की और कहां कि, विश्व हिंदू परिषद और संघ के लाखों कार्यकर्ता प्रतिदिन अपने क्षेत्रों में घूमेंगे और भगवान श्री राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह करेंगे।