कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित होने से आक्रोशित हुए व्यापारी
– पुलिस प्रशासन ने आदेशों का पालन कराने के लिए की तैयारी पूरी
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हरिद्वार में 30 तारीख को पढ़ने वाले कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर हरिद्वार के व्यापारी आक्रोशित है। आज इन व्यापारियों ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। व्यापारियों ने हाथों में पुड़िया लेकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की है कि, जब कुंभ मेले को राज्य सरकार कराने की बात कर रही है, तो हर महीने पढ़ने वाले गंगा स्नान को स्थगित किया जा रहा है। इससे व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। वही हरिद्वार पुलिस प्रशासन पूरी शक्ति से स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं को आने से रोकने की तैयारी में जुटा।
हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व को स्थगित करने के बाद हरिद्वार के व्यापारियों में आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। आज व्यापारियों ने हाथों में पुड़िया लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया उद्योग व्यापार के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा का कहना है कि, कोरोना काल के दौरान हरिद्वार का व्यापारी राज्य सरकार से गुहार लगा रहा है कि, लॉकडाउन की अवधि में बिजली का बिल पानी का बिल और बच्चों की स्कूल फीस माफ की जाए और इस मांग को लगातार राज्य सरकार से करता आ रहा है। एक तरफ तो राज्य सरकार इन मांगों पर विचार नहीं कर रही है और दूसरी तरफ चार धाम यात्रा को भी स्थगित कर दिया था, कांवड़ मेले को भी स्थगित किया और अब हरिद्वार हर महीने पढ़ने वाले गंगा स्नान को भी स्थगित किया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा 30 तारीख को पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित कर दिया गया। इससे हरिद्वार के व्यापारियों का काफी नुकसान हो रहा है। यह न्याय संगत नहीं है, इस पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। कोरोना के बचाव के संसाधन के लिए व्यापारी भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहा है। इसलिए सरकार को नियम शर्तों के साथ गंगा स्नान को खोला जाना चाहिए। जिससे व्यापारी अपनी जीविका को संचालित कर सके। सरकार को राज्य में व्यापार आयोग का गठन करना चाहिए। क्योंकि लगातार व्यापारियों की समस्या बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में व्यापारियों को जो पैकेज देना चाहिए था, वह भी नहीं दिया गया। इनका कहना है कि, जब कुंभ मेले के शाही स्नान हो सकते हैं तो यह छोटे गंगा स्नान क्यों नहीं हो सकते। इन सभी मांगों को लेकर आज हमारे द्वारा हाथ में पुड़िया लेकर संदेश देने का काम किया है कि, राज्य सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो यह जहर की पुड़िया भी बन सकती है।
जिला प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने और जिनके भी द्वारा निर्देशों का पालन ना किया गया तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधक एक्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर अब हरिद्वार पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद नजर आ रहा है। हरिद्वार क्षेत्राधिकारी डॉ विशाखा का कहना है कि, कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने को लेकर हमारे पास संस्तुति आ गई है और हमारे द्वारा कोशिश की जा रही है। इस स्नान पर्व पर कम से कम लोग हरिद्वार आए और हम आशा करते हैं कि, लोग इस स्नान पर गंगा स्नान करने आए ही नहीं। इसको लेकर हमारे द्वारा कई टीमें बनाई गई है और अलग-अलग पॉइंट पर उनकी तैनाती की गई है। हमारी कोशिश रहेगी कि लोग गंगा स्नान करने ना जा पाए और अगर कोई इसका अनुपालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
बताना जरूरी होगा कि, जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान को स्थगित करने के बाद व्यापारियों में आक्रोश है। व्यापारियों द्वारा मांग की गई है कि, जिस तरह से कुंभ मेले के शाही स्नान को कराने की राज्य सरकार द्वारा तैयारी की जा रही है। उसी तरीके से कोरोना काल में हर महीने पढ़ने वाले स्थानों को भी सरकार द्वारा कराया जाए और इसकी व्यापारियों द्वारा मांग की गई है, तो वही हरिद्वार पुलिस प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन कराने के लिए पूरी तैयारी की गई है और अगर कोई भी इन आदेशों की अवहेलना करता है तो उसके विरुद्ध विधिवत कार्रवाई भी की जाएगी।