हरिद्वार के एसएम जैन डिग्री कॉलेज में बनाई गई शौर्य दीवार। आगामी पीढ़ी जान सकेगी देश के वीर सपूतों के बारे में

हरिद्वार के एसएम जैन डिग्री कॉलेज में बनाई गई शौर्य दीवार। आगामी पीढ़ी जान सकेगी देश के वीर सपूतों के बारे में

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। देश के लिए बलिदान और साहस का परिचय देने वाले 21 परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले उन साहसी वीर सपूतों के लिए हरिद्वार एसएम जैन डिग्री कॉलेज में सौर्य दीवार का उद्घाटन किया गया। यह उत्तराखंड में पहली ऐसी शौर्य दीवार है। जिसमें कॉलेज के नोटिस बोर्ड के साथ युवाओं के लिए कैरियर और दिशा मार्गदर्शन के बारे में जानकारियां भी दी जाएगी। इस शौर्य दीवार का उद्घाटन हरिद्वार कुंभ मेले के अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी सहित कई साधु द्वारा किया गया। इस शौर्य दीवार को बनाने का उद्देश्य है कि, आने वाली पीढ़ी अपने देश के वीर सपूतों के बारे में जान सकें।

देश के लिए अपना सर्वस्व नियोछावर करने वाले वीर सपूतों पर आज देश गुमान करता है। क्योंकि इनकी बदौलत ही आज हमारी सीमाएं सुरक्षित है और कोई भी देश के ऊपर बुरी नजर से नहीं देख सकता उन्हीं वीर सपूतों के लिए हरिद्वार ऐसन जैन डिग्री कॉलेज में शौर्य दीवार का उद्घाटन किया गया। कॉलेज के प्रिंसिपल सुनील बत्रा का कहना है कि, आज बहुत प्रसन्नता का विषय है आज कॉलेज में शौर्य दीवार का उद्घाटन किया गया। यह उत्तराखंड में पहली ऐसी दीवार होगी जिसके एक तरफ नोटिस बोर्ड है दूसरी तरफ युवाओं को कैरियर और दिशा मार्गदर्शन के बारे में जानकारी दी जाएगी।

बीच में स्थित है वीर सपूतों के शौर्य को दर्शाती हुई दीवार। दीवार का अर्थ होता है किसी को भी आने से रोकना। आज चीन हमें आंखें दिखा रहा है, मगर हमारी सेना एक दीवार की तरह लद्दाख खड़ी है। यह शौर्य दीवार हमें वीरता की बात दिखाती है कि, हम कितने शक्तिशाली है। निरंजनी अखाड़े के सचिव और एसएम जैन डिग्री कॉलेज के अध्यक्ष रविद्र पुरी का कहना है कि, इस दीवार में जितने भी परमवीर चक प्राप्त वीर सपूत है उनको दर्शाया गया है। हमारा उद्देश्य है जितने भी देश के सच्चे सपूत शहीद हुए हैं हमारे कॉलेज के बाहर शहीद घाट बने, इसको लेकर हमारी सरकार से वार्ता चल रही है।

शौर्य दीवार का उद्घाटन करने पहुंचे कुंभ मेले के अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि, सेना का जो सर्वोच्च सम्मान है परमवीर चक्र अब तक देश में 21 वीर सपूतों को दिया गया है। उसमें से 14 वीर सपूतों को मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया है और 7 लोगों को जीवित रहते हुए इस तरह की शौर्य दीवार बनने से लोगों में जज्बा पैदा होता है। कई शहरोंं मे फाइटर जेेट रखे जाते हैं या टैंक। जिन्होंनेे युद्ध में प्रतिभाग किया है। उसे देखकर लोगों में जज्बा भरने का कार्य किया जाता है। हमारी देेश की सेना में अलग ही जज्बा होता हैैैै। वह अपने देश के लिए जीते हैं और देश केेे लिए मरते है। निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्रपुरी शहीदों के नाम पर शहीद घाट बनाना चाहते हैं। उम्मीद है उनकी जल्दी यह मंशा भी पूरी होगी। इस छोरे दीवार को यहां पढ़ने वाले सभी बच्चे देखेंगे और इसको देखकर उनके अंदर एक अलग ही जज्बा पैदा होगा।

एसएम जैन डिग्री कॉलेज में बनाई गई शौर्य दीवार के माध्यम से युवाओं को देश के लिए अपना सर्वोच्च नियोछावर करने वाले देश के सच्चे सपूतों के बारे में जाने और देश के प्रति एक जज्बा उत्पन्न हो। इस उद्देश्य से इस दीवार का निर्माण किया गया है और यह उत्तराखंड में पहली ऐसी दीवार है। जिसमें वीर सपूतों की जानकारी के साथ युवाओं को कैरियर और दिशा मार्गदर्शन के बारे में जानकारी दी जाएगी।