पौड़ी में युवाओं के लिए जलक्रीड़ा के क्षेत्र में भविष्य संवारने की कवायद शुरू

पौड़ी में युवाओं के लिए जलक्रीड़ा के क्षेत्र में भविष्य संवारने की कवायद शुरू

– अपने क्षेत्र में रोजगार तलाश कर बन सकेंगे आत्मनिर्भर

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनपद के युवाओं के लिए जलक्रीड़ा के क्षेत्र में भी भविष्य संवारने एवं पर्यटकों की संभावना को तराशने की कवायद शुरू कर दी। जिसके तहत आज साहसिक खेल अधिकारी/जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, आरएम पर्यटन सुश्री सरोज कुकरेती व समाजसेवी राजेन्द्र सिह रावत सहित अन्य गणमान्यों की मौजूदगी में जलक्रीड़ा एक्सपर्ट द्वारा जनपद के सतपुली क्षेत्रान्तर्गत नयार नदी में खैरासैंण से सतपुली तक जलक्रीड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु एक बार पुनः कयाकिंग, राफ्टिंग के ट्रायल/सर्वे किये गये है। जिसमें राफ्टिंग को भी शामिल किया गया।

जलक्रीड़ा विशेषज्ञ दलों द्वारा कयाकिंग, राफ्टिंग एवं अन्य जलक्रीड़ा संबंधि कार्यक्रम के लिए उपयुक्त बताया। कहा कि, साल के सभी महिने यहां अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जा सकेंगे। मानसून सीजन में कयाकिंग के लिए वाईल्ड वाटर में अनुभवी लोगों के लिए बेहतर है। साथ ही मानसून सीजन में बड़ी नदियों में उफान आने से वहां पर आने वाले लोगों को जलक्रीड़ा कार्यक्रम हेतु यहां पर डाइवर्ट किया जा सकता है। जो कि उनके लिए एक सुनहरा अवसर होगा।

जिलाधिकारी गर्ब्याल ने जनपद वासियों को अपने ही क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए, हर क्षेत्र में युवाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए एक के बाद एक रोजगार परक कार्यक्रम चलाकर दूरगामी मंच तैयार करते आ रहे है। जिनमें जलक्रीड़ा भी क्षेत्र में पर्यटन को दृष्टिगत रखते हुए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। साहसिक खेल अधिकारी/जिला पर्यटन विकास अधिकारी पौड़ी नेगी ने कहा कि, जिलाधिकारी के निर्देशन पर नयार नदी में जल क्रीडा के क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावना को तराशते हुए, जनपद के क्षेत्रान्तर्गत युवा एवं युवतियों को स्वरोजगार हेतु आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हे प्रशिक्षित कर दक्ष बनाये जाना है। जो आने वाले समय में अपने क्षेत्रों में जलक्रीड़ा में भविष्य को संवारते हुए गाईड के रूप मेें कार्य कर, आत्म निर्भर बन सकेंगे।

उन्होने कहा कि, आज जलक्रीड़ा विशेषज्ञों के द्वारा नयार नदी में प्रशिक्षण हेतु कयाकिंग, राफ्टिंग के ट्रायल/सर्वे किया गया है। जिसमें विशेषज्ञों द्वारा नदी में जलक्रीड़ा कर स्थलों को भली भांति निरीक्षण कर चिन्हित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि, जलक्रीड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के युवा एवं युवतियों को प्री-बेसिक, बेसिक एवं एडवांस तीन तरह का प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिसमें जलक्रीड़ा विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बृजमोहन रावत, वेद प्रकाश वर्मा, पी. एस. नेगी, गणेश रावत, कालिंदी एडवेंचर निदेशक प्रवीण रांगड, वीरेन्द्र नौटियाल, कयाकर गाईड पवन सिंह, आशीष रावत, प्रवीन रावत, आशीष पुण्डीर, पवन राणा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।