संचार सेवा से जूझ रहे पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्रवासियों ने लगाई डीएम से गुहार
रिपोर्ट- नकुल पंत
पिथौरागढ़। नेपाल सीमा से जुड़े पंचेश्वर से धारचूला तक संचार व्यवस्था से वंचित निवासियों की मांग को लेकर पंचेश्वर उत्तरायणी जन संघर्ष समिति के अध्यक्ष पिथौरागढ़ निवासी युवा शमशेर चंद्र राजा के नेतृत्व में तमाम जनप्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को ज्ञापन सौंपा है।
शमशेर चंद द्वारा दिए गए ज्ञापन में पंचेश्वर से धारचूला, मदकोट, जोहार, लिपुलेख तक सीमांत वासियों की बदहाल संचार व्यवस्था का जिक्र किया गया है। पूरे प्रकरण में शमशेर चंद का कहना है कि, सीमांत क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण तथा संवेदनशील क्षेत्र है और इन क्षेत्रों में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, मंदिर तथा मेले संपन्न किए जाते हैं। साथ ही यह क्षेत्र चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ता है।
देश की सेना में सेवा दे चुके पूर्व सैनिक भी इन सीमांत क्षेत्रों में निवासरत हैं। उन्होंने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुवे कहा कि, सीमांत वासियों को मोबाइल तथा इंटरनेट सेवा से कोसों दूर रखा गया है। लोगों को फोन कॉल करने के लिए भी नेपाल देश की संचार व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ रहा है। डिजिटल इंडिया के इस दौर में छात्र-छात्राओं की शिक्षा व्यवस्था पर भी गहरा संकट पड़ रहा है तथा उनका भविष्य अंधकार में डूब रहा है।
उन्होंने सीमांत वासियों की इस समस्या को लेकर आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री भारत सरकार एवं राज्य के तमाम मंत्रियों को पत्र भेजकर संचार व्यवस्था को बहाल करने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि, सीमांत क्षेत्रों में जल्द से जल्द आइडिया, एयरटेल कंपनी के टावर लगाएं जाए।
ज्ञापन देने वालों में पिथौरागढ़ प्रधान संगठन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह सौंन, सदस्य जिला पंचायत जीवन ठाकुर, रक्षा वाहिनी के दीपक जोशी शामिल थे। बताते चलें कि, यह पहला वाकया नही है कि, ज्ञापन पहली बार सौंपा गया हो अब तक तमाम जनप्रतिनिधियो द्वारा संचार व्यवस्था की बदहाली को लेकर तमाम पत्र भेजे जा चुके हैं। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।