धार्मिक: शिवभक्त श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा हरिद्वार हरकी पैड़ी का गंगाजल। होगी पूर्ण पुण्य की प्राप्ति

शिवभक्त श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा हरिद्वार हरकी पैड़ी का गंगाजल। होगी पूर्ण पुण्य की प्राप्ति

हरिद्वार। कोरोना आपदा के कारण इस बार धर्मनगरी हरिद्वार में प्रतिवर्ष होने वाली विश्व प्रसिद्ध कांवड़ यात्रा पर रोक है। तीन राज्य उत्तराखंड यूपी और हरयाणा के मुख्यमंत्रीयो ने संयुक्त रूप से कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार द्वारा दूसरे राज्यो के श्रद्धालुओं को गंगाजल उपलब्ध कराए जाने का बीड़ा उठाने के बाद अब यूथ काँग्रेस ने भी उत्तराखंड से सटे हुए राज्यो में हर की पैड़ी के ब्रह्मकुंड का गंगाजल पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। वही शास्त्रों के जानकारों के अनुसार इस तरह गंगा जल दुसरे राज्यो के शिवालयों में पहुचाने की व्यवस्था से पुण्य लाभ में कोई भी कमी नही आएगी और हरिद्वार से यात्रा करने के बाद जब गंगा जल दूसरे राज्यो के शिवालयों में चढ़ाया जाएगा तो इससे शिवभक्ति का उद्धार होगा।

दूसरे राज्यों में शिव भक्तों के लिए गंगाजल की व्यवस्था सरकार द्वारा किए जाने पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि, हर साल लगभग 3-4 करोड़ से ज्यादा शिवभक्त कांवड गंगाजल लेने हरिद्वार आते हैं। मगर इस बार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक कर कांवड़ मेले को स्थगित कर दिया है। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए इसमें हमारे द्वारा दूसरे राज्यों की सरकारों का पूरा सहयोग किया जाएगा और उन्हें हरिद्वार हर की पैड़ी का गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे राज्यों की सरकारें किसी भी माध्यम से गंगाजल यहां से लेकर जाएंगी। जिसमें हमारे द्वारा उनका पूरा सहयोग किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। यह कार्य इसलिए भी किया जा रहा है ताकि एक संदेश ऐसा जाए की राज्य सरकारों की नीयत में कोई कमी नही है। परिवार श्रद्धालु की आस्था में कोई कमी नही है।

यूथ काँग्रेस के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर के अनुसार उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के 10 हजार शिवालयों में गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके कार्य को पूर्ण करने के लिए इन प्रदेशो में यूथ काँग्रेस के कार्यकर्ताओं से संपर्क साधा गया है। आने वाले सोमवार से युथ कांग्रेस द्वारा सीमांत प्रदेशों में स्थित शिवालयों तक गंगाजल पहुंचाने का काम शुरू किया जाएगा। ताकि हम अपनी परंपराओं को आगे बढ़ा सकें।

वहीं इस तरह दूसरे राज्यों में गंगाजल पहुंचाने की व्यवस्था पर शास्त्रों के जानकार और प्रख्यात ज्योतिष आचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि, यह बड़ी ही विकट स्थिति है। ऐसा जीवन में कभी नहीं हुआ की हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर गंगाजल भरने से किसी को रोका गया हो जो व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। इस व्यवस्था के जरिए जब यह गंगाजल हर की पौड़ी से भरकर जाएगा तो यह गंगा जल यात्रा करके ही जाएगा। यात्रा के समय भी समस्त देवी-देवता पूर्व की भांति गंगा के जल के साथ चलेंगे। जैसे यह देवी-देवता कांवड़ के समय में गंगा जल के साथ जाते हैं। इसलिए इस गंगाजल को चढ़ाने पर भी उसी पुण्य की प्राप्ति होगी, जो श्रद्धालुओं को कांवड़ में गंगाजल लेकर जाने से प्राप्त होती है। जल की यात्रा जल के चलने का ही विशेष महत्व कावड़ यात्रा के दौरान होता है।

जहां एक ओर कोरोना आपदा को देखते हुए कांवड़ यात्रा को पूरी तरह स्थगित कर दिया गया है, तो वहीं कांवड़ मेले को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए दूसरे राज्यों में सरकार द्वारा लोगों को गंगा जल उपलब्ध कराया जाएगा ताकि यह श्रद्धालु इस कोरोना आपदा के समय में अपने घरों में अपने स्थानों पर सुरक्षित रह सके और सुरक्षित रह कर भगवान शिव का जलाभिषेक शिवरात्रि के दिन अपने शिवालयों में कर सकें।