पॉस्कों के आरोपी पर पुलिस का ढुलमुल रवैया, डीजीपी नाराज
– पुलिस निभा रही है मित्रता। आरोपी अभी तक नहीं हुआ गिरफ्तार
– थाने की कार्यवाही पर उठाये सवाल, उच्चाधिकारियों से शिकायत
– पुलिस महानिदेशक आशोक कुमार ने अन्यत्र जनपद की पुलिस से पुन: जांच करवाने के दिए आदेश
– दोनो मामले में आरोपियों को बचाने के लिए सफेद पोश पर लग रहा है आरोप
रिपोर्ट- अश्विन सक्सेना
दिनेशपुर। पॉक्सो जैसे संगीन अपराध में दिनेशपुर पुलिस की लापरवाही उस समय उजागर हुई जब पुलिस ने 169 के तहत नाबालिग के बयान करा कर जेल भेजे मुलजिम को बेल दिला दी और मामले को खत्म करने की तैयारी कर दी। इतना ही नहीं, पुलिस ने मामले को उजागर करने वालों पर ही नाबालिग एवं उसके भाई को मोहरा बना कर मुकदमा लगा दिया। तो उजागर करने वालों ने देहरादून पहुंचकर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक से बात कर दिनेशपुर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दर्ज मुकदमे की जांच अन्य जिले की पुलिस से कराने की प्रार्थना की। जिसपर पुलिस महानिदेशक ने सांकेतिक संतुति दे दी।
ज्ञात हो मई माह में नगर के निकटवर्ती ग्राम निवासी एक युवक ने अपनी 15 वर्षीय नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म एवं अश्लील वीडियो बनाने की तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। जिसपर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ पॉक्सो सहित दुष्कर्म का मुकदमा कायम कर दिया। किन्तु आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई। बाद में एक गांव में उक्त आरोपित उसी नाबालिग लड़की के साथ शादी कर रहा था। जिसमें मामले को उजागर करने वाली टीम को जब इसकी सूचना मिली तो वह तमाम पत्रकारों सहित पुलिस को साथ लेकर मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने मौके से भागते आरोपित को पकड़ लिया और जेल भेज दिया।
आरोपित का दिनेशपुर थाने में आना-जाना लगा रहता था और थाने में अच्छी पैंठ के चलते पुलिस ने 169 के तहत नाबालिग लड़की के बयान आरोपित के पक्ष में करा देने के उपरांत आरोपित को जमानत मिलने का प्रबंध कर दिया और मामले को खत्म करने का आधार बना दिया। वहीं नाबालिग की शादी के मौके पर मौजूद दीपांकर नामक पत्रकार तथा महिला कल्याण संस्था की अध्यक्ष समेत एक महिला अधिवक्ता और एक समाज सेवी पर भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया। जबकि दीपांकर पर इससे मामले में एक मुड़मा पहले ही दर्ज कर दिया था। जिसके बाद तमाम लोग डीआईजी जगतराम जोशी तथा उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार से मिले और दिनेशपुर पुलिस की इकतरफा कार्यप्रणाली की शिकायत कर कार्रवाई और दर्ज मुकदमे की अन्य जिले से जांच कराने की मांग की। जिसपर पुलिस महानिदेशक ने इस मामलें की निष्पक्ष जांच दूसरे जनपद की पुलिस से करवाने का आदेश पारित कर दिया।
एक सप्ताह पूर्व एक ओर हुआ पॉस्कों का मुकदमा
थाना क्षेत्रान्तर्गत बलात्कार पॉस्कों के मुकदमें थमने का नाम नही ले रहे है। लॉकडाउन के अंदर पॉस्को के लगभग तीन मामले दर्ज हो चुके है। हाल ही में ग्राम उदयनगर के गरीब नाबालिग लड़की को एक शादीशुदा ने हवस का शिकार बनाया। जिस पर सम्बंधित धाराओं में मुकदमा पुलिस ने दर्ज तो कर लिया है, लेकिन पुलिस तथा एक सफेदपोश इस आरोपी को बचाने के लिए पीड़ित की मां को तरह-तरह के दबाव बना रहे है।
पूर्व में पॉस्कों के आरोपी को भी बचाने में इसी सफेद पोश का है हाथ
पॉक्सो जैसे संगीन अपराध में जेल गए आरोपी को एक सफेद पोश के दबाव में दिनेशपुर पुलिस ने 169 के तहत नाबालिग के बयान कराकर मामले को खत्म कर दिया। इसकी शिकायत पर डीआइजी जगतराम जोशी ने दिनेशपुर पुलिस को जमकर लताड़ लगाई थी। उन्होंने पुलिस को नियम के विरूद्ध कार्यवाही करने पर अन्यत्र जनपद से जांच करवाने की बात कही। इन सब मामलों में दिनेशपुर थाने की कार्यवाही आज कल सुर्खियों में है।