Exclusive: लॉकडाउन में स्कूलों का गड़बड़झाला। बोर्ड परीक्षाफल से पूर्व ही छात्रों से भरवाया 11वीं का फॉर्म

लॉकडाउन में स्कूलों का गड़बड़झाला। बोर्ड परीक्षाफल से पूर्व ही छात्रों से भरवाया 11वीं का फॉर्म

– निजी स्कूल राजा राम मोहन राय द्वारा छात्रों से भरवाया जा रहा है 11वीं का फॉर्म,
– बोर्ड का परीक्षाफल घोषित होने से पूर्व ही छात्रों को 11वीं की पढ़ाई करवाएगा स्कूल
– NAPSR ने की जिलाधिकारी से शिकायत

देहरादून। लॉकडाउन में भी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से धन वसूली के नित नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला देहरादून के राजा राम मोहन राय स्कूल का नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) के समक्ष आया है। जिसमे अभिभावकों ने स्कूल पर आरोप लगाते हुए बताया है कि, अभी बोर्ड के परिणाम घोषित भी नही हुए हैं और स्कूल द्वारा अभिभावकों पर 11वीं क्लॉस में इन बच्चों के एडमिशन हेतु दबाव बनाया जा रहा है। उनके अनुसार ये सारा खेल फीस को लेकर खेला जा रहा है।

                          छात्रों से भरवाया गया फॉर्म

जिसका गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) की ओर से एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी देहरादून को भेजा गया है। जिसमे आरिफ खान ने लिखा है कि, लॉकडाउन के चलते बोर्ड परीक्षाएं अभी संपूर्ण नही हुई हैं और स्कूल द्वारा नई क्लॉस के फार्म भरने के बाद फीस के चक्कर में ऑनलाइन क्लास चालू कर दी जाएगी, जिसके कारण बच्चों को बोर्ड की तैयारी करने मे बाधा उत्पन्न होगी और लॉकडाउन के कारण अभी हाई स्कूल और इंटर का परिणाम घोषित नही हुए हैं। जिसके कारण कौन छात्र-छात्रा पास हुए हैं या नही ये कहना अभी सम्भव नही है। यदि कोई छात्र पास भी हुए हैं तो कितने प्रतिशत अंकों से हुए हैं ये भी अभी कहा नही जा सकता।

ऐसे मे स्कूल बच्चों से ग्यारहवीं के फॉर्म भरवा रहे है। ऐसे मे अभिभावकों और छात्रों के सामने कई समस्याएं खड़ी हो गयी हैं। जैसे कि बोर्ड परिणाम घोषित होने से पूर्व ही यदि छात्र अपनी अगली कक्षा के लिए स्वैछिक विषय का चयन कैसे करेंगे? यदि छात्र ने आज साइंस साइड ले ली और बोर्ड परीक्षा मे उसके अंक 60% से कम आते हैं तो क्या उसे तब भी साइंस साइड ही दी जाएगी या फिर अन्य सब्जेक्ट लेने होंगे और यदि छात्र पास ही नही हुआ तो इसकी फॉर्म, एडमिशन फीस और अन्य फीस स्कूल वापस करेगा? क्योंकि फॉर्म भरवाते ही ये स्कूल फीस के चक्कर मे छात्रों को ऑनलाइन क्लॉस शुरू करवा देगा और बच्चे का बोर्ड रिजल्ट खराब होने के बाद उसकी सारी पढ़ाई और उसके परिजन के द्वारा दी गयी सारी फीस बेकार हो जाएगी और जो किताबें वो अभी खरीद चुका होगा उसका क्या होगा।

                        स्कूल द्वारा छात्रों को भेजा गया मैसेज

अतः महोदय से निवेदन है कि, स्कूल को निर्देशित किया जाए कि जब तक बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम घोषित नही हो जाता तब तक किसी भी छात्र-छात्रा को फॉर्म भरने के लिए बाध्य न किया जाए और जिन बच्चों ने फॉर्म भर दिए हैं उन्हें अभी किताबें खरीदने व फीस एवं अन्य शुल्क जमा करने के लिए स्कूल बाध्य न करें। इस प्रकरण में एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान का कहना है कि, स्कूल के यदि नियम कहते हैं की एडमिशन होना अभी अत्यंत आवश्यक है तो स्कूल अभी सिर्फ फॉर्म भरवा लें, छात्रों की ऑनलाइन क्लास शुरू न करें। क्योंकि बच्चे अभी बोर्ड की तैयारी कर रहे हैं। फिर ऐसे मे उन्हें नई क्लास की पढ़ाई कराए जाने से उनकी बोर्ड परीक्षाओं में बाधा उत्पन्न होगी और ऐसे मे यदि कोई छात्र फेल होता है या अवसाद मे आकर कोई गम्भीर कदम उठाता है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी।