सरकार की अदूरदर्शिता के कारण कई वर्षों से ग्राहक बाजार से नदारद
– सरकार ने उद्योगों हेतु आर्थिक पैकेज की घोषणा कर उठाया सराहनीय कदम
– उद्योग सरपट दौड़ेगें, लेकिन उत्पाद खरीदेगा कौन
– आम आदमी को उत्पाद खरीदने लायक बनाना होगा आत्मनिर्भर
– उद्योगों को मजबूत करने से पहले बाजार (ग्राहक) को मजबूत करे सरकार
देहरादून। सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों हेतु 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है, जोकि सराहनीय कदम है तथा सरकार ने आत्मनिर्भरता जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर कुछ उम्मीद जगाई है। आज जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा महत्वपूर्ण बात यह है कि, सरकार को उद्योगों को मजबूती प्रदान करने से पहले बाजार (ग्राहक) को मजबूत बनाना होगा।
जिससे ग्राहक उद्योगों में निर्मित उत्पाद को खरीद सकें। आलम यह है कि कुछ माह पूर्व तक उत्पादन बहुत तेजी से हो रहा था लेकिन बाजार से ग्राहक नदारद था यानी ग्राहक दाल-रोटी के लिए ही जद्दोजहद कर रहा था। सरकार द्वारा घोषणा की गई कि 20 लाख करोड़ देश की जीडीपी का लगभग 10 फ़ीसदी है, लेकिन वास्तविकता में यह पैकेज जीडीपी का 15-18 फ़ीसदी है।
मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ ने यह भी कहा कि, सरकार की अदूरदर्शिता की वजह से कई वर्षों से ग्राहक बाजार से नदारद है क्योंकि 70-80 फ़ीसदी जनता तो सिर्फ “रोज कमाना, रोज खाना” वाली स्थिति में है तो ऐसी परिस्थितियों में सबसे पहले उसके कारकों पर विचार करना होगा। इस पैकेज से उद्योगों में उत्पादन बहुत तेजी से होगा, उनकी दशा सुधरेगी, लेकिन उत्पाद (प्रोडक्ट) न बिकने की वजह से दो-तीन महीने में ही उद्योग हाथ खड़े कर देंगे।