उत्तराखंड: लॉकडाउन में बाघ-तेंदुए की अनजान राहों पर नजर। निगरानी में लगी जिम कार्बेट की आठ टीमें

लॉकडाउन में बाघ-तेंदुए की अनजान राहों पर नजर। निगरानी में लगी जिम कार्बेट की आठ टीमें

रिपोर्ट- ललित मोहनभट्ट
नैनिताल। लॉकडाउन ने जहां इंसानों को घर की बाउंड्री तक सीमित किया तो वहीं वन्यजीवों के घूमने का दायरा बढ़ा दिया। 22 मार्च के बाद पहाड़ से लेकर मैदान तक ऐसी कई तस्वीरें सामने आई है, जिसमें बाघ, गुलदार, हाथी व हिरण आबादी वाले क्षेत्र के आस-पास नजर आए। गनीमत थी कि, सड़कों पर सन्नाटा होने की वजह से मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति नहीं बनी। हालांकि कार्बेट पार्क प्रशासन आशियाना छोड़कर बाहर आए वन्यजीवों को लेकर अलर्ट मोड पर आ चुका है। उन जगहों को चिन्हित किया जा रहा है। जहां इस बीच इनकी मौजूदगी दिखी। रिसर्च के आधार पर लॉकडाउन के बाद सुरक्षा को लेकर प्लानिंग की जाएगी।

वन्यजीवों का आबादी एरिया के आसपास मूवमेंट

देशभर में लॉकडाउन के बीच सभी टाइगर रिजर्व, सेंचुरी व फॉरेस्ट गेस्ट हाउस तक बंद हो चुके हैं। रिजर्व फॉरेस्ट जोन तक में निगरानी बढ़ाई गई है। कार्बेट के अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान वन्यजीवों की आबादी वाले एरिया के आसपास मूवमेंट भी हो रही है। हालांकि अब तक इनके व इंसान के बीच किसी तरह का संघर्ष सामने नहीं आया। उसके बावजूद इस बात की पूरी संभावना है कि, बाघ, गुलदार, हाथी व हिरण आदि का मूवमेंट लगातार जंगल से बाहर किसी खास इलाके में हो रहा हो तो भविष्य में भी वो इन गतिविधियों को बरकरार रख सकते हैं। यहीं चिंता का विषय भी है, क्योंकि अभी तो लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में हैं, लेकिन इसके बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है। जिसका खामियाजा इंसान और वन्यजीव दोनों को भुगतना पड़ेगा। लिहाजा, कार्बेट प्रशासन ने सात से आठ टीम कार्बेट से सटी आबादी व हाइवों पर निगरानी पर लगाई है। ताकि मूवमेंट जोन का टाइमिंग समेत पता चल सके।

खंडहर में मिले थे गुलदार के तीन शावक

सोमवार को कानिया गांव में स्थित एक बिल्डिंग के खंडहर में गुलदार के तीन शावक मिलने से हड़कंप मचा था। फिलहाल फॉरेस्ट ने इन्हें अपनी निगरानी में रखा है। मौके पर ट्रैप कैमरा लगाकर नजर रखी जा रही है कि, कहीं मादा गुलदार इन्हें ढूंढने के लिए तो नहीं आ रही। राहुल, डायरेक्टर कार्बेट ने बताया कि, वन्यजीव कार्बेट से बाहर नजर आ रहे हैं। इनकी निगरानी पर एसओजी समेत आठ टीमों को लगाया गया है। लॉकडाउन के बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पैदा न हो। इसे लेकर रिसर्च किया जा रहा है।