कोरोना वायरस की जंग के मैदान में उतरी मातृशक्ति
– हर संभव प्रयास कर मजबूरों की कर रही मदद
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को नेस्तोनाबुद करने और जरूरतमंदों को राहत और राशन पहुंचाने के लिऐ हर कोई हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में अब महिलाओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। क्षेत्र की कुछ महिलाओ ने पर्दे के पीछे और झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे गरीब मजदूरो के लिऐ रात-दिन एक किया हुआ है। अपने घरों के काम के साथ-साथ ये महिलाएं समय निकालकर गरीब लोगो की मदद भी कर रही है। आज आपको क्षेत्र की कुछ ऐसी महिलाओ से रूबरू करवा रहे है जो आज इस वैश्विक महामारी में समाजसेवा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान निभा रही है, और जो अन्य महिलाओ के लिऐ प्रेरणास्रोत बनी हुयी है।
बताते चलें कि, कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से सहसपुर विधानसभा में हजारो मजदूर बेरोजगार हो गए है। जो कि, रोज कमाते और खाते थे, लेकिन अब ना ही तो काम रहा और ना ही राशन। तो ऐसे मजदूर परिवारो के लिऐ समाजसेविका लक्ष्मी अग्रवाल किसी देवी अवतार से कम नही है। लक्ष्मी अग्रवाल क्षेत्र में आठ सौ परिवारो को राशन मुहैया करा चुकी है। जिससे काफी हद तक इन मजदूर परिवारो को सहारा मिला है। उनके गरीबो के प्रति इस महामारी में समर्पण और सहयोग को कभी भुलाया नही जाऐगा। क्योंकि राष्ट्रनिर्माता मजदूरो को इन्होंने काफी हद तक भूख से बिलबिलाने से बचाया है।
ऐसा ही एक नाम है आशा रावत जो कि, ब्यूटी पार्लर चलाती है। लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से पार्लर अभी बंद है। तो वो पर्दे के पीछे से दर्जनो जरूरतमंद परिवारो की मदद कर चुकी है और जहां भी उन्हें पता चलता है कि, किसी परिवार में राशन की दिक्कत है तो वह बिना किसी झिझक के ऐसे परिवारो की मदद कर रही है। साथ ही जिनके पास मास्क या सेनेटाइजर नही होता वह भी उपलब्ध करवा रही है। इसके साथ आशा रावत क्षेत्र में लगे शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र के विरोध में छः महीने से मोर्चा खोले हुए है उनका कहना है कि, कोरोना महामारी से घातक क्षेत्र के लिऐ कूड़ा निस्तारण केंद्र है। इस कूड़ा निस्तारण केन्द्र की मुहिम में भी इनका सहयोग अकल्पनीय है।
तो वही सेलाकुई से वार्ड सदस्य नीलम थापा भी अपने क्षेत्र में घूम-घूमकर जरूरतमंद लोगो को चिन्हित कर राशन मुहैया करवा रही है और जरूरतमंद लोगो की मदद के लिऐ अग्रणी भूमिका निभा रही है। उनके द्बारा सेलाकुई क्षेत्र में कई जरूरतमंद परिवारो को अपनी सामर्थ्य के अनुसार राशन व राहत सामग्री उपलब्ध करवायी है। साथ ही अपने क्षेत्र में लॉकडाउन क़ा पालन भी करवा रही है। जो भी व्यक्ति इनके वार्ड में लॉक डाउन क़ा उल्लंघन करता है ऐसे लोगो को हिदायत भी दे रही है।
तो वही बात करे समाजसेविका पूनम पँवार की पूनम पँवार की सेलाकुई में किराना की दुकान है। दुकान संभालने के साथ-साथ इनके द्वारा जरूरतमंद लोगो की मदद करने में कोई कसर नही छोड़ी जा रही है। इनके द्बारा दुकान पर अगर कोई जरूरतमंद व्यक्ति पहुचता है और उसके पास राशन खरीदने के लिऐ पैसे नही होते है तो ऐसे व्यक्तियों को निःशुल्क राशन मुहैया करवाया जाता है सेलाकुई ओध्यौगिक क्षेत्र में लॉक डाउन होने की वजह से बड़े पैमाने पर मजदूरो के पास रोजगार नही है। तो पैसे भी नही है। तो ऐसे मजदूरो की भी अपनी दुकान के माध्यम से बहुत मदद की जा रही है और जरूरी सामान भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
ऐसा ही एक चेहरा है संगीता अग्रवाल इनके द्बारा रोज सुबह सैकड़ो लोगो के लिऐ खाना बनाया जाता है। संगीता अग्रवाल अपने पति अमित अग्रवाल के साथ गाड़ी में खाना रखकर भूखे लोगो तक पहुंचा रही है। जहां भी कोई परिवार इन्हें दिखाई देता है कि, खाने की समस्या है तो उस परिवार तक इनके द्बारा खाना पहुंचाने क़ा काम किया जा रहा है। 22 अप्रैल से निरंतर संगीता अग्रवाल भूखे लोगो क़ा पेट भरने क़ा काम कर रही है। वैश्विक महामारी में जिस तरह यह महिलाएं भूमिका निभा रही है। वास्तव में इनके द्बारा एक नजीर पेश की जा रही है। उत्तराखंड आंदोलन और चिपको आंदोलन में जिस तरह से महिलाओ के योगदान को भुलाया नही जा सका ऐसे ही इस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में भी इन महिलाओ के योगदान को भुलाया नही जाऐगा।