मुख्यमंत्री के साथ हरक सिंह रावत को भी किया जाए मंत्रिमंडल से बर्खास्त
– स्टिंग प्रकरण में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह भी थे शामिल….
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि, यदि एक शब्द बोलने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर मुकदमा हो सकता है, तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के रिश्तेदारों की अवैध तरीके से लेनदेन करते हुए ऑडियो जारी हुई, उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? जोट सिंह ने स्टिंग प्रकरण में केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री के साथ हरक सिंह रावत को भी मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
मंगलवार को हरिद्वार के प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि, हम पूरे प्रकरण को लेकर प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाएंगे। 18 मार्च 2016 का प्रकरण पूरे देश ने देखा। कांग्रेस के विधायकों की खरीद फरोख्त हुई, लेकिन बाद में स्टिंग ऑपरेशन के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही घेर लिया गया। उन्होंने कहा कि, पूरे प्रकरण में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल थे, लेकिन सीबीआई ने उनके नाम को दबाए रखा। अब मुकदमे में जब उनका नाम शामिल हुआ तो मामले का खुलासा होने के बावजूद राज्य सरकार ने उन पर कोई कार्रवाई तक नहीं की।
बिष्ट ने वार्ता को जारी रखते हुए यह भी कहा कि, राज्य सरकार के मुखिया को नैतिकता के आधार पर मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए था। जब पत्रकार उमेश शर्मा द्वारा स्टिंग प्रकरण किया गया था, तो उसे अगले दिन तक चैनल पर चला देना चाहिए था। जबकि घटना के पांच दिन बाद 26 मार्च 2016 को दिल्ली में भाजपा नेताओं द्वारा अपने पार्टी दफ्तर में एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से स्टिंग प्रसारित किया गया।
इससे साफ है कि, पूरे प्रकरण में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की राय से हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा ने मिलकर मामले को अंजाम दिया था। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की। वहीं यह भी कहा कि, पूरे प्रकरण में कांग्रेस जनजागरण अभियान चलाकर भाजपा का पर्दाफाश करेगी। इस वार्ता के दौरान पूर्व चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व शहर अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, मनीष कर्णवाल, मन्नू विशाल आदि उपस्थित थे।